अवधनामा संवाददाता
खैरेटवा, कुशीनगर। इस आधुनिक युग के काल खण्ड में लोग फैशन के तरफ रुझान बढ़ा रहे हैं जिसके चलते हमारी संस्कृति,सभ्यता पीछे छूटती जा रही है पहले के लोगों अपने सभ्यता से समझौता नहीं करते थे लेकिन समाज से अब संस्कृति बिछड़ रही है किन्तु अभी भी आस्थाओ की विगुल बजाते हुए अपनी संस्कृति को सहेजने में पीछे नही है।
बता दें कि पहले लोग आम के जिस वृक्ष को लगाते थे उसका विधि विधान से विवाह कर के ही उसके फल का सेवन करते थे इसी क्रम में विकास खण्ड कप्तानगंज के सिंघाड़ी निवासी रामधारी धोबी पुत्र जगदेव ने शुक्रवार को अपने हाथों से लगाए गए आम के पेड़ों का विवाह बड़े धूमधाम से किया, बृहस्पतिवार को अखण्ड हरी किर्तन को आयोजित कर के शुक्रवार को पूर्णाहुति के पश्चात गाजा बाजा ढोल नगाड़ों के साथ बारात साज कर निकले और पुरोहित राजेन्द्र मिश्र (त्यागी बाबा) के नेतृत्व में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ विवाह को सम्पन्न कराया,जिसमे वैवाहिक रीति रिवाज और सभी रस्मों को बड़े शिद्दत से निभाया गया जैसे हल्दी रस्म, गीत मांगर, पाणिग्रहण, कन्यादान, चुमाई इत्यादि रस्मों को निर्वहन किया गया। इस मौके विनीता पत्नी लहरी ने यजमान की भूमिका निभाई तथा राहुल, गुलशन, आदित्य, रानू नगीना, गिरजा, सरोज, कुसुम, पवन, सुनील, आकाश, चम्पा, प्रियंका, उमेश, विशाल,सुनीता, आलोक, जानकी, इत्यादि लोग बाराती बने।