महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में व्याख्यानमाला
गोरखपुर । महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. एके सिंह ने कहा कि स्थापना के मात्र दो साल में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में शैक्षिक गुणवत्ता की नजीर पेश की है। यहां के विभिन्न पाठ्यक्रम राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप हैं और रोजगार के साथ व्यावहारिक अनुसंधान को बढ़ावा देने वाले हैं।
प्रो. सिंह मंगलवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की दूसरी वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित सप्तदिवसीय व्याख्यानमाला के शुभारंभ अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि विचार व्यक्त कर रहे थे। गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के सभागार में आयोजित व्याख्यान में प्रो. सिंह ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में अध्ययन किसी भी छात्र के लिए सौभाग्य की बात है। उन्होंने महायोगी विश्वविद्यालय की स्थापना, इसके उद्देश्य, नर्सिंग सेवा व शिक्षा की वर्तमान स्थिति, विश्वविद्यालय के विभिन्न कोर्सों में छात्रों की संख्या से अवगत कराया। साथ ही आयुष विश्वविद्यालय के बारे में चर्चा करते आयुर्वेद के परास्नातक में 60 सीटें होने तथा आयुर्वेद के टॉपर्स को प्रतिवर्ष क्रमशः 25 हजार, 15 हजार व 10 हजार का पुरस्कार देने की जानकारी भी साझा की।
व्याख्यान की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी ने कहा कि अंग्रेजी शासनकाल में राष्ट्रीयता की भावना को पुनः मजबूत करने के लिए महंत दिग्विजय नाथ जी महाराज ने 1932 में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद की स्थापना कर शिक्षा को नया आयाम दिया। इस शिक्षा परिषद की प्रगति यात्रा पर प्रकाश डालते हुए डॉ. वाजपेयी ने बताया कि परिषद का नव प्रकल्प महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय दो साल के अंदर ही 1800 टेक्निकल विद्यार्थियों के साथ लगातार नए आयामों को छू रहा है। स्वागत संबोधन गुरु गोरक्षनाथ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आयुर्वेद कॉलेज) के प्राचार्य डॉ. मंजूनाथ एनएस व आभार ज्ञापन गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डॉ. डीएस अजीथा ने किया।