यात्रा का शुभारंभ ज़िला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सतीश कुमार ने झंडी दिखाकर किया
आज समाज में भाईचारे और प्यार मुहब्बत का माहौल बनाने की ज़रूरत है-आलोक दीक्षित
इटावा। देश के स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ के अवसर पर हर घर तिरंगा अभियान के अंतर्गत सोमवार को मदरसा अरबिया कुरानिया कटरा शहाब खां द्वारा विशाल तिरंगा यात्रा का आयोजन किया गया।यह तिरंगा यात्रा मदरसा परिसर से आरंभ होकर कटरा सेवा कली,रामगंज चौराहा,नेविल रोड,करमगंज,बेरून कटरा शमशेर खां होते हुए वापस मदरसा परिसर में समाप्त हुई।यात्रा में मदरसे के छोटे-छोटे बच्चे हाथों में तिरंगा लेकर अत्यंत मनोहारी दृश्य प्रस्तुत कर रहे थे।बच्चे अपने हाथों में जंगे आजादी के उन नायकों के नाम लिखी पट्टिका भी लिए हुए थे जिनको आज हमने भुला दिया है।यात्रा का शुभारंभ जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी सतीश कुमार द्वारा झंडी दिखाकर किया गया।इस अवसर पर उन्होंने कहाक् कि आज इस यात्रा के माध्यम से हम देश के आजादी के लिए अपनी जनों को कुर्बान करने वाले अमर शहीदों को याद कर रहे हैं।इसी तरह शासन के निर्देश पर आज 14 अगस्त के दिन विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस को भी हम मना रहे हैं और देश के बंटवारे के समय जो दर्द,कष्ट और पीड़ा हमारे देशवासियों को हुई थी उसको याद कर रहे हैं।प्रधानाचार्य मौलाना तारिक शम्सी ने कहा कि जिन मुजाहिदीन आज़ादी ने अपने जानू के नज़राने इस मुल्क की आज़ादी के लिए दिए अपने घर परिवार का बलिदान दिया।उनकी कुर्बानियों की वजह से आज हम आजादी की फिजा में सांस ले रहे हैं उनको याद करना और उनके सपनों का देश बनाना हम सब का नैतिक दायित्व है जिस तरीके से इस आंदोलन में मदरसों के उलमा ने आगे बढ़कर इस आंदोलन का नेतृत्व किया था आज फिर उसी तरह देश में अमन,शांति,भाईचारा और विकास की फिजा बनाने के लिए मदरसों के लोगों को आगे आना चाहिए।उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मंडल के जिला अध्यक्ष आलोक दीक्षित ने कहा कि आज समाज में भाईचारे और प्यार मुहब्बत का माहौल बनाने की ज़रूरत है।मदरसा के बच्चों का यह अभिनव प्रयास इस दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।इस अवसर पर वक्फ निरीक्षक राम सुमेर,सैयद लकी,हाफ़िज़ मुहम्मद अहमद,मौलाना सैयद मुहम्मद साद कासमी,मुफ्ती हस्सान हसनी,कारी अब्दुल कादिर,कारी मसीहुल्लाह,कारी आज़म कासमी,मौलाना वजीह उद्दीन कासमी,अरशद उल्लाह खान,सैयद फारुख अली,मुहम्मद सुहेल,मुहम्मद आसिफ़,मुहम्मद हारिस,मुहम्मद शाहिद, नफ़ीस अहमद खान आदि उपस्थित रहे।