प्रकरण में आरोपित लोगों की सम्पत्ति कुर्क कराकर निवेशकों का रुपया लौटाने की मांग
ललितपुर। एलयूसीसी में निवेश करने वाले गरीब परिवार के लोगों ने बुधवार को लामबंद होकर जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी को एक ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन में उन्होंने एलयूसीसी में आरोपित व्यक्तियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों के भुगतान बडस एक्ट 2019 के तहत कराये जाने एवं एजेण्टों को अनावश्यक परेशान न किये जाने की मांग उठायी गयी है।
ज्ञापन में बताया कि द लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एण्ड थ्रिफ्ट को-ऑपरेटिव सोसायटी एलयूसीसी जो कि भारत सरकार के कृषि मंत्रालय से पंजीकृत थी। इस कम्पनी जिले में वर्ष 2016 से संचालित हो रही थी। जिले में सोसायटी के संचालकों ने बेरोजगारी की मार झेल रहे लोगों को आर.डी., एफ.डी. और एमआईपी जैसी लुभावनी योजनाओं के जाल में फंसाकर काम करवाया और निवेशकों से उनकी मेहनत की कमाई को हड़पने का एक पूर्व नियोजित षडय़ंत्र रचा। इसमें शामिल जिले के मुख्य संचालक आलोक जैन, रविशंकर तिवारी पुत्र तिलकराम तिवारी, सुरेन्द्र पाल सिंह, द्वारिका प्रसाद, सतीशचंद्र जैन, रामनरेश साहू आदि और भी हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। बताया कि इसके बाद भी आये दिन निवेशक एजेण्टों का लगातार प्रताडि़त कर रहे हैं और जबरन दबाव बनाकर धनवसूली कर रहे हैं।
जबकि उनकी जमा राशि पासबुक और बाण्ड निवेशकों के पास हैं। जमा धनराशि वापस न मिलने के कारण निवेशकों द्वारा थाने में शिकायतें की जा रहीं हैं, जिस पर जिले के तमाम एजेण्ट मानसिक रूप से प्रताडि़त हो रहे हैं। बताया कि कई एजेण्ट तो अपने परिवार छोड़कर पलायन करने व आत्महत्या जैसे कदम उठाने को विवश हो रहे हैं।
उन्होंने बताया कि कुछ एजेण्टों को पुलिस ने थाने में बैठा रखा है, जबकि सोसायटी पर प्रशासन द्वारा कार्यवाही की जा रही है। इस सम्बन्ध में डीएम को पूर्व में भी पत्र देकर अवगत कराया था। निवेशकों व एजेण्टों ने जिलाधिकारी से उपरोक्त आरोपियों की सम्पत्तियों को कुर्क कर निवेशकों का भुगतान बडस एक्ट 2019 के तहत शीघ्र कराये जाने की मांग उठाते हुये एजेण्टों को अनावश्यक रूप से परेशान किये जाने की मांग उठायी है। ज्ञापन देते समय अनेकों लोग मौजूद रहे।
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