फलदार पेड़ लगाने से बढ़ती है आमदनी: इमरान

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अवधनामा संवाददाता

महिला किसानों को बांटे 1159 फलदार व औषधीय पौधे
 श्रमिक भारती व सीएफएलआई ने कराया आयोजन

बांदा। श्रमिक भारती व सीएफएलआई द्वारा जनपद के बड़ोखर खुर्द ब्लाक में महिला किसानों के साथ जैविक खेती पर ‘‘जलवायु अनुकूल कृषि पद्धतियां’’ परियोजना के अंतर्गत कार्य किया जा रहा है। जिसमें बामदेव नेचुरल फार्मिंग प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड की शेयर धारक महिलाएं जैविक खेती द्वारा डेमो फार्म बना रही हैं। संस्था द्वारा 1159 फलदार व औषधीय पौधे बांटे गए।
मंगलवार को बड़ोखर खुर्द स्थित कार्यालय में महिला किसानों को खेतों में फलदार व औषधीय पेड़ों के फायदे बताते हुए परियोजना समन्वयक इमरान अली ने कहा कि महिलाएं परंपरागत ढंग से जुताई, बीज बुवाई, फसल सिंचाई, निराई-गुड़ाई, खरपतवार और फसल कटाई जैसे अनेक कार्यों में अग्रिम भूमिका निभाती हैं। ऐसे में महिलाएं जैविक खेती में महत्वपूर्ण योगदान दे सकती हैं। खेतों को रसायनों से बचाने के लिए जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है। महिला किसानों को श्रमिक भारती व सीएफएलआई द्वारा खेतों को मॉडल बनाने और आमदनी बढ़ाने के लिए फलदार व औषधीय पौधों का वितरण किया गया। उन्होंने बताया कि महिला किसानों को श्रमिक भारती व सीएफएलआई द्वारा खेतों को मॉडल बनाने और आमदनी बढ़ाने के लिए फलदार व औषधीय पौधे वितरित किए। किसानों को दशहरी आम, आम्रपाली आम, सहजन, करौंदा, नींबू, कटहल, सीताफल, मौसमी, आंवला, अमरूद, पपीता, मोहगिनी व सागौन के पौधे बांटे गए। सीईओ मनोज यादव ने कहा कि खेती की लागत कम करने और किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से बामदेव किसान उत्पादक संगठन बनाया गया है। रासायनिक खादों के उपयोग से मिट्टी के सूक्ष्म जीव नष्ट हो रहे हैं। इससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति कम हो रही है। रासायनिक खादों के लगातार इस्तेमाल से लोगों में गंभीर बीमारियां भी बढ़ रही हैं। कहा कि जैविक पद्धति से खेती करके मिट्टी की उर्वरा शक्ति को बढ़ाया जा सकता है। इस मौके पर वेद प्रकाश, पूनम त्रिवेदी, राजेंद्र कुमार सहित महिला किसान फूलप्यारी, शिव कुमारी, रामदेवी, शिल्लो, जय देवी, ऊषा, आशा, परमाबाई, सुशीला, संगीता, प्रीती, सुनीता, मालती अवस्थी, उमा देवी, जय तिवारी, शिवप्यारी, छंगी देवी, सखी कुशवाहा इत्यादि मौजूद रहीं।

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