लॉर्ड्स मार्क बायोटेक ने सोरायसिस के इलाज के लिए लॉन्च किया टाइनेफकॉन

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• लॉर्ड्स मार्क बायोटेक भारत में टाइनेफकॉन के डिस्ट्रीब्यूशन के लिए एक्सक्लूसिव मार्केटिंग पार्टनर है.
• सोरायसिस जैसी त्वचा की गंभीर बीमारियों के इलाज के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए साइंटिफिक कम्युनिकेटर्स की एक टास्क फोर्स बनाई जाएगी.
• 2025 तक टाइनेफकॉन की 100 करोड़ रुपये की बिक्री का लक्ष्य.

मुंबई: लॉर्ड्स मार्क इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी एवं एक प्रमुख हेल्थकेयर व वेलनेस कंपनी लॉर्ड्स मार्क बायोटेक ने सोरायसिस के इलाज के लिए एक पेटेंट दवा टाइनेफकॉन लॉन्च की है. लॉर्ड्स मार्क बायोटेक ने भारत में पिरामल लाइफ साइंसेज द्वारा तैयार पेटेंट प्रोडक्ट के लिए इनवेक्स हेल्थ प्राइवेट लिमिटेड के साथ एक एक्सक्लूसिव एग्रीमेंट किया है. टाइनेफकॉन को सोरायसिस के संपूर्ण इलाज के लिए टैबलेट, क्रीम, शॉवर जेल और स्कैल्प वॉश जैसे 4 रूपों में लॉन्च किया जा रहा है. इसकी कीमत 799 रुपये से 3900 रुपये है.
लॉर्ड्स मार्क बायोटेक टाइनेफकॉन के लिए एक्सक्लूसिव डिस्ट्रीब्यूशन पार्टनर है. कंपनी सोरायसिस के इलाज के लिए तैयार टाइनेफकॉन को ध्यान में रखते हुए खास तौर पर भर्ती किए गए साइंटिफिक सेल्स फोर्स के जरिए देश भर में लोगों को प्रशिक्षित कर रही है. कंपनी ने टाइनेफकॉन की ऑनलाइन माध्यमों पर आक्रामक मार्केटिंग के लिए एक मजबूत सोशल मीडिया कैंपेन भी तैयार किया है. टाइनेफकॉन को इंटरनेट मार्केटप्लेस पर भी पेश किया जाएगा, जिससे डॉक्टर रोगियों को विश्वसनीयता के साथ यह दवा रिकमेंड कर सकेंगे.
लॉर्ड्स मार्क बायोटेक ने भारत में बड़े पैमाने पर इसके विपणन और वितरण के लिए 20करोड़ रुपये का निवेश किया है. कंपनी को 2025 तक टाइनेफकॉन से 100 करोड़ रुपये की बिक्री की उम्मीद है.
लॉर्ड्स मार्क बायोटेक के एमडी सच्चिदानंद उपाध्याय ने लॉन्च के बारे में कहा, “हमें टाइनेफकॉन को भारतीय बाजार में पेश करते हुए खुशी हो रही है. टाइनेफकॉन की लॉन्चिंग भारत में स्वास्थ्य सेवा को समृद्ध बनाने के हमारे मिशन के अनुरूप है. टाइनेफकॉन के साथ हम सोरायसिस का व्यापक, सुरक्षित और प्रभावी इलाज मुहैया करा रहे हैं. हमारा लक्ष्य टाइनेफकॉन को सोरायसिस के इलाज के लिए प्रमुख विकल्प के रूप में स्थापित करना है. हम टाइनेफकॉन को भारत में बड़ी सफलता दिलाने और अपनी उपस्थिति का विस्तार करते हुए बड़ी संख्या में मरीजों तक पहुंचने की उम्मीद कर रहे हैं.’’
टाइनेफकॉन का पूरे भारत में 500 से अधिक रोगियों पर परीक्षण किया जा रहा है. यह सोरायसिस का इलाज करने में उपयोगी साबित हुआ है. इसने एपिडर्मल थिकनेस में 66% की कमी लाई है. इसने सोरायसिस एरिया सीवियरिटी इंडेक्स (पीएएसआई) में सुधार किया है और 12 सप्ताह की क्लिनिकल स्टडी में सोरायटिक मार्कर जीन को डाउनरेगुलेट किया है. टाइनेफकॉन को 18 साल से अधिक उम्र के सभी मरीजों पर सुरक्षित तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है.
मरीजों की संख्या और बीमारी की फ्रीक्वेंसी: सोरायसिस आम तौर पर 30 या 40 की उम्र के लोगों को प्रभावित करता है. महिलाओं की तुलना में पुरुष दो गुना अधिक प्रभावित होते हैं. सोरायसिस का प्रसार 20 से 29 वर्ष की आयु के लोगों में 1.6% और 50 से 59 वर्ष की आयु के लोगों में 4.3% है. विश्व सोरायसिस दिवस कंसोर्टियम के अनुसार, दुनिया भर में 125 मिलियन लोग – कुल आबादी के 2 से 3 प्रतिशत – सोरायसिस से पीड़ित हैं.
अमेरिका में 20 साल या उससे अधिक उम्र के वयस्कों में सोरायसिस का प्रसार 3.0% था. 2020 की अमेरिकी जनगणना के आंकड़ों के आधार पर, अनुमानित 7.55 मिलियन अमेरिकी वयस्क सोरायसिस से पीड़ित थे. भारत में सोरायसिस का प्रकोप 0.44-2.8% (लगभग 4 करोड़ लोग) है, जो बताता है कि भारत इस बीमारी से अमेरिका के बाद दूसरा सबसे ज्यादा प्रभावित देश है.

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