अवधनामा संवाददाता
मिल्कीपुर-अयोध्या। (Milkipur-Ayodhya.) करोड़ों रुपये की लागत से ग्राम सभाओं में सामुदायिक शौचालय बनवाए गए हैं, लेकिन तमाम गांव ऐसे हैं, जहां जिम्मेदारी की अनदेखी के चलते ताले लटकते नजर आ रहे हैं। नतीजतन लोग खुले में शौच जाने को आज भी मजबूर हैं। कई बार विभागीय अधिकारियों से ग्रामीणों ने शिकायत भी की,लेकिन ताला नहीं खुलवाया गया। इससे ग्रामीणों में नाराजगी भी है।दिन प्रतिदिन बढ़ रहे प्रदूषण से हमारा पर्यावरण दूषित हो रहा है। इसका एक कारण खुले में शौच भी है। यही नहीं, मानव शरीर से निकले मलमूत्र पर बैठने वाली मक्खियां हमारे भोजन तक पहुंचती हैं। यह आहार ग्रहण कर मनुष्य संक्रामक बीमारियों का सामना कर रहा है।इन बीमारियों से बचाव के लिए और पर्यावरण को शुद्ध रखने के उद्देश्य से शासन ने गांवों में लोगों के घरों पर शौचालय बनवाए जाने के अलावा सार्वजनिक शौचालय के निर्माण के लिए भी करोड़ों रुपये खर्च किए। सार्वजनिक शौचालय बनवाए जाने का उद्देश्य यह रहा कि ठहरने वाले प्रवासियों व राहगीरों को भी शौच के लिए खुले में न जाना पड़े। मिल्कीपुर तहसील क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली सभी ग्राम पंचायतों में करोड़ों रूपए की लागत से सामुदायिक शौचालयों का निर्माण तो करा दिया गया है, लेकिन अधिकतर शौचालयों पर ताला लटके मिले जिन शौचालयों पर ताला नहीं लगा था वहां पर पानी सप्लाई की कोई व्यवस्था नहीं थी ना ही विद्युत कनेक्शन ही मौके पर मिला। इसके संबंध में जब मुख्य विकास अधिकारी अनीता यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जांच कराकर दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जाऐंगी।
Also read