कुष्ठ रोगियों को उपचार के साथ मिल रहा है सम्मान- डॉ मार्कण्डेय

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अवधनामा संवाददाता

समय से कुष्ठ की पहचान से दिव्यांगता से बचाव- डॉ विनोद
कुष्ठ रोगियों में कम्बल, टोपी, पादुका एवं दवाओं का हुआ वितरण
कसया, कुशीनगर। स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ केंद्र  के सभागार में कुष्ठ रोग के मरीजों में कम्बल, टोपी, एमसीआर चप्पल तथा सेल्फ केयर किट का वितरण किया तथा दिव्यांग कुष्ठ रोगियों के लिए विकलांगता से बचाव हेतु कैंप का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम के प्रेरक एवं आयोजक रमेश प्रसाद त्रिपाठी ने कुष्ठ रोगियों के लिए कंबल एवं दिनेश सिंह एन एम एस द्वारा टोपी की उपलब्धता करवायी गयी तथा कुष्ठ रोग से होने वाले परेशानियों एवं उनके बचाव के बारे में जानकारी दी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुये अधीक्षक डॉ. मार्कण्डेय चतुर्वेदी  ने कहा कि कुष्ठ रोगियों को उपचार के साथ उनका सम्मान भी करे। उन्होंने कुष्ठ रोगियों को उनके दृढ़ संकल्प एवं धैर्य के लिए सराहना की। कार्यक्रम को संबोधित करते हुये जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ विनोद कुमार मिश्र ने बताया कि कुष्ठ एक संक्रामक रोग है जो कि माइकोबैक्टेरियम लेप्री नामक जीवाणु से फैलता है। अगर समय पर कुष्ठ रोग का पता चल जाए तो व्यक्ति दीर्घकालीन दिव्यांगता से बच सकता है। कुष्ठ रोग में संवेदनहीनता और मांसपेशियों की कमजोरी के फलस्वरूप तंत्रिका क्षति के कारण शारीरिक दिव्यांगता और विकृति का कारण बनता है। इसके फलस्वरूप त्वचा सूख जाती है और अतिरिक्त संवेदी विकृतियों के साथ कठोर त्वचा, छाले एवं अल्सर बनने का कारण बनती है। हाथों-पैरों को आग, सख्त, नुकीली और खुरदरी चीजों के संपर्क में आने से बचाएं। इनसे बचाव के लिए विशेष तरह के जूते-चप्पल आते हैं उन्हें पहने हाथों-पैरों को हमेशा साफ़ तथा मुलायम रखें। आखों मे इसका प्रभाव आने पर पलके लकवाग्रस्त हो सकती है जिससे आख पूरी तरह बंद नही हो पाती। ऐसी अवस्था मे आंखों में चोट लगने की संभावना बढ़ जाती है इसलिए आखों का विशेष ध्यान रखे। दिन में चश्मा लगा कर रखे तथा रात्रि में सोते समय आंखों को स्वच्छ कपड़ो से ढक दे। कार्यक्रम का संचालन एसटीएलएस आशुतोष कुमार मिश्र द्वारा किया गया।
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