मलेरिया परजीवी विषय पर अवध विवि में व्याख्यान का आयोजन

0
150

मलेरिया लाल रक्त कोशिकाओं का संक्रमणः डाॅ0 अभय त्रिपाठी

अयोध्या। डाॅ0 राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय के सूक्ष्मजीव विज्ञान विभाग में मंगलवार को मलेरिया परजीवी विषय पर एक दिवसीय व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य वक्ता डिपार्टमेंट ऑफ माइक्रोबायोलॉजी एंड इम्यूनोलॉजी, ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ, जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी बाल्टीमोर के एसोसिएट प्रोफेसर डाॅ0 अभय कुमार त्रिपाठी रहे। उन्होंने विद्यार्थियों को मलेरिया इन्फेक्शन में कारगर दवा की विधि को बतलाते हुए कहा कि मलेरिया एक परजीवी से होने वाली बीमारी है। यह संक्रमित मच्छरों के काटने से मनुष्यों में फैलता है। उन्होंने बताया कि जिन लोगों में मलेरिया के लक्षण होते है उनमें आमतौर पर तेज बुखार और कंपकंपी वाली ठंड लगती है। जबकि यह बीमारी समशीतोष्ण जलवायु में असामान्य मानी गई है। डाॅ0 अभय ने बताया कि इन जलवायु में हर साल लगभग 290 मिलियन लोग मलेरिया से संक्रमित होते हैं जिनमे 400,000 से अधिक लोग इस बीमारी से मर जाते हैं।
कार्यक्रम डाॅ0 त्रिपाठी ने बताया कि मलेरिया संक्रमण को कम करने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन कई ऐसे कार्यक्रम संचालित करता है। जिनमें लोगों को मच्छरों के काटने से बचाने के लिए निवारक दवाएँ और कीटनाशक व उपचारित मच्छरदानियाँ वितरित करते हैं। उन्होंने बताया कि अधिक संख्या वाले देशों में रहने वाले बच्चों के लिए मलेरिया के टीके के इस्तेमाल की सिफारिश विश्व स्वास्थ्य संगठन ने की है। विद्यार्थियों को उन्होंने बताया कि मलेरिया लाल रक्त कोशिकाओं का संक्रमण है। इससे बुखार, ठंड लगना, पसीना, कभी-कभी दस्त, पेट दर्द, श्वसन संकट, भ्रम और सीजर्स होते हैं। अन्य मामले में देखा गया कि स्प्लीन का आकार बढ़ना, एनीमिया और कभी-कभी हृदय, मस्तिष्क, फेफड़े को नुकसान शामिल है। मलेरिया संक्रमण का चक्र तब शुरू होता है, जब एक मादा मच्छर मलेरिया वाले व्यक्ति को काटती है। उन्होंने बताया कि मलेरिया परजीवी की पांच प्रजातियां लोगों को संक्रमित कर सकती हैं जिसमें प्लाज्मोडियम विवैक्स और प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम मलेरिया के सबसे आम प्रकार हैं। सबसे अधिक मौतें प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम के कारण होती हैं।कार्यक्रम में सूक्ष्मजीव विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो0 तुहिना वर्मा ने अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन डाॅ0 रंजन सिंह द्वारा किया गया। इस अवसर पर प्रो0 शैलेन्द्र कुमार, डाॅ0 सोनी तिवारी, आजाद पटेल, पीएचडी शोधार्थी सहित छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here