अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय व अन्य ने लक्ष्मण टीला में पूजा-अर्चना करने की मांग की थी। उन्होंने यूनियन ऑफ इंडिया राज्य सरकार समेत सात के खिलाफ वाद दायर किया था। नृपेंद्र पांडेय का कहना है कि लक्ष्मण मंदिर को तोड़कर टीले वाली मस्जिद बनाई गई थी। मुकदमे के बाद सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने आपत्ति दाखिल कर बताया कि उक्त संपत्ति 21 जनवरी 1975 से वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में दर्ज है।
लक्ष्मण टीला विवाद को लेकर सुन्नी वक्फ बोर्ड की आपत्तियों को सिविल जज जूनियर डिवीजन अभिषेक गुप्ता ने खारिज कर दिया। अधिवक्ता नृपेंद्र पांडेय व अन्य ने लक्ष्मण टीला में पूजा-अर्चना करने की मांग की थी। इस संबंध में उन्होंने यूनियन ऑफ इंडिया, राज्य सरकार व टीले वाली मस्जिद के मुतव्वली, इमाम समेत सात के खिलाफ वाद दायर किया था।
नृपेंद्र पांडेय का कहना है कि लक्ष्मण मंदिर को तोड़कर टीले वाली मस्जिद बनाई गई थी। मुकदमे के बाद सुन्नी सेंट्रल बोर्ड ने आपत्ति दाखिल कर बताया कि उक्त संपत्ति 21 जनवरी 1975 से वक्फ बोर्ड के अभिलेखों में दर्ज है।
11 जुलाई को होगी अगली सुनवाई
पीर मोहम्मद के नाम से टीले वाली मस्जिद जानी जाती है। संपत्ति पर वक्फ बोर्ड का मालिकाना हक तय करने का क्षेत्राधिकार वक्फ न्यायाधिकरण में निहित है। वाद सिविल कोर्ट मे पोषणीय नहीं है। जज अभिषेक गुप्ता ने वक्फ बोर्ड की आपत्तियों को खारिज करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी अपनी न्याय व्यवस्थाओं में कहा है कि ऐसे विवादों के निस्तारण का क्षेत्राधिकार सिविल कोर्ट को प्राप्त है। अगली सुनवाई 11 जुलाई को होगी।