Monday, March 17, 2025
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होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ, आरोग्य भारती व सेवा भारती का  संयुक्त आयोजन

 

अवधनामा संवाददाता

अयोध्या । अंतरराष्ट्रीय योग दिवस से पूर्व सेवा भारती, आरोग्य भारती, व होम्योपैथी चिकित्सा विकास महासंघ ने योग प्रोटोकाल के तहत अभ्यास कार्यशाला का आयोजन सहादतगंज के सेवाकेंद्र पर किया। अभ्यास वर्ग में योग प्रशिक्षकों व प्रशिक्षुओं को सम्बोधित करते हुए पूर्वी उत्तरप्रदेश क्षेत्र सेवा प्रमुख नवल किशोर ने कहा समय के साथ हमने योग ,तप को ऋषियों सन्यासियों का विषय समझते रहे इसलिये धीरे धीरे यह विद्या विलुप्त सी होती गयी किन्तु कालचक्र के साथ मनुष्य जैसे जैसे अपनी समस्याओं में घिरता गया एकबार पुनः भारत ने विश्व को सभी का समाधान देते हुए योग से परिचित कराया और पूरे विश्व ने इसे स्वीकार किया है।
व्यक्तिगत, पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय, आर्थिक, आध्यात्मिक, स्वास्थ्य , चिकित्सा, क्रीड़ा, खेलकूद, शिक्षा, व्यवसाय सभी में योग की विशेष उपयोगिता है।योग के विभिन्न महत्त्वो देखने से स्पष्ट हो जाता है कि योग वास्तव में वैज्ञानिक जीवन शैली है, जिसका हमारे जीवन के प्रत्येक पक्ष पर गहराई से प्रभाव पड़ता है।योग के अभ्यास से शारीरिक व मानसिक ही नहीं बल्कि नैतिक विकास होता है।
होम्योपैथी चिकित्सक डा उपेन्द्रमणि त्रिपाठी ने उपस्थिति प्रशिक्षुओं को योग प्रोटोकॉल से परिचय कराते हुए बताया आज योग एक सुव्यवस्थित व वैज्ञानिक जीवन शैली के रूप् में प्रमाणित हो चुका है।  वर्तमान का विज्ञान प्रयोगशाला के निष्कर्षों पर आधारित है अतः स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगाभ्यास पर हुए अनेक शोधो से आये सकारात्मक परिणामो  के बाद ही विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इस बात को स्वीकार किया कि वर्तमान में तेजी से फैल रहे साइको सोमैटिक रोगो में योग महत्वपूर्ण है।डब्ल्यूएचओ का मानना है कि योग एक सुव्यवस्थित व वैज्ञानिक जीवन शैली है, जिसे अपना कर अनेक प्रकार के प्राणघातक रोगों से बचा जा सकता है।
योग शरीर मन मस्तिष्क की क्रियाओं  में सन्तुलन स्थापित करता है इसलिए जीवनशैली से सम्बंधित तमाम रोगों जैसे दमा, उच्च व निम्नरक्तचाप, हृदय रोग, संधिवात, मधुमेह, मोटापा, चिन्ता, अवसाद आदि में लोग लाभान्वित हो रहे हैं।
योगाभ्यास से खिलाड़ियों में तनाव का स्तर कम होता है, एकाग्रता ,बुद्धि , शारीरिक क्षमता व दक्षता  बढती है,  विद्यार्थी शारीरिक व मानसिक रूप से भी मजबूूत हों, उनमे एकाग्रता, कुशलता, यादाश्त, बढ़ाने, तनाव कम करने, के लिए अब स्कूल व महाविद्यालयों में शारीरिक शिक्षा विषय में योग पढ़ाया जा रहा है।
उक्त अवसर पर गोण्डा विभाग सन्गठन मंत्री आनंद, महानगर सेवा भारती मंत्री डा प्रेमचन्द्र,  संस्कार प्रमुख कलावती, प्रचार प्रमुख दुर्गेश मिश्र, सैकड़ो की संख्या में महिलाएं,  व छात्र उपस्थित रहे।
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