भूकम्प से टूटी रेल पटरी की मरम्मत में लग गए 87 साल

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अवधनामा ब्यूरो

नई दिल्ली. बिहार में सुपौल के सरायगढ़-निर्मली रेलखंड पर 87 साल बाद ट्रेन दौड़ती नज़र आयी तो लोगों ने वहां पहुंचकर पूजा अर्चना शुरू कर दी. आसनपुर-कुपहा से निर्मली तक बड़ी रेल लाइन का निर्माण पूरा होने के बाद ट्रेन का स्पीड ट्रायल कराया गया.

इस मार्ग पर ट्रेन का हार्न सुनाई दिया तो लोग घरों से निकलकर ट्रेन की पटरी की तरफ दौड़ पड़े और वहां पूजा अर्चना की. दरअसल 1934 में आये भूकम्प की वजह से छोटी लाइन की पटरी ध्वस्त हो गई थी और ट्रेन सेवा बंद हो गई थी. इसके बाद मिथिलांचल दो भागों में बंट गया.

साल 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने निर्मली महाविद्यालय से कोसी नदी पर महासेतु का शिलान्यास किया था. ट्रायल के बाद निर्मली रेलवे स्टेशन सज संवरकर तैयार हो गया है.रेलवे ट्रैक का निरीक्षण का काम चल रहा है. रेल सेवा बहाल करने की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं.

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कोसी नदी पर बने रेल महासेतु का प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने 18 सितम्बर 2020 को उद्घाटन कर दिया था. इसके बाद आसनपुर कुपहा स्टेशन तक रेल सेवा बहाल हो गई थी. इस रास्ते पर पैसिंजर ट्रेन चलती है.

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