राजस्थान में सत्ता में वापसी और मोदी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय: शाह

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राजस्थान में सत्ता में वापसी और मोदी जी का तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय: शाह

राजस्थान। जनता की नब्ज को भाँपने वाले भाजपा के दिग्गज नेता अमित शाह को यकीन है कि राजस्थान की जनता इस साल के अंत में होने वाले आगामी राज्य विधानसभा चुनावों में ‘3डी’ गहलोत सरकार को उखाड़ फेंकेगी। हाल ही में राजस्थान में एक विशाल सार्वजनिक रैली को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने यह विश्वास भी जताया कि नरेन्द्र मोदी का 2024 में तीसरी बार प्रधानमंत्री बनना तय है।

शाह के आत्मविश्वास की वजह रैली में उमड़ी विशाल भीड़ थी। भाजपा के प्रमुख चुनावी रणनीतिकर ने अपने खास अंदाज में कहा कि, ‘गहलोत जी, इस उम्र में इधर-उधर भाग रहे हैं। यदि इस सभा में मौजूद भीड़ का एक वीडियो उन्होंने देख लिया तो उन्हें पता चल जाएगा कि उनकी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। भाजपा 2023 में राजस्थान चुनाव के साथ-साथ 2024 का लोकसभा चुनाव भी जीतेगी।’

राज्य में अवैध खनन की गतिविधियां बड़े पैमाने पर चल रही हैं। राज्य सचिवालय से भारी मात्रा में बेहिसाब नकदी और एक किलोग्राम सोना बरामद किया गया। गहलोत 2018 के चुनावों में अपनी पार्टी द्वारा किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहे हैं। किसानों का कर्ज अभी तक माफ नहीं हुआ है, कर्ज नहीं चुकाने पर 19,000 किसानों की जमीन जब्त कर ली गई है। युवाओं को बेरोजगारी भत्ता नहीं मिल रहा है। बेरोजगारी और बलात्कार के मामले में भी राज्य देश में शीर्ष पर है।

शाह ने गहलोत सरकार पर तुष्टिकरण की राजनीति करने का भी आरोप लगाया। राज्य सरकार पर कन्हैया लाल हत्या मामले में दोषियों को पकड़ने में देरी करने का आरोप लगाते हुए शाह ने कहा कि, ‘अगर उसने एक विशेष अदालत का गठन किया होता तो आरोपियों को अब तक फाँसी पर लटका दिया गया होता। पैगंबर मोहम्मद पर निलंबित भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्पणी का कथित रूप से समर्थन करने के लिए 28 जून को दो लोगों ने लाल की हत्या कर दी थी। कांग्रेस को अपनी वोट बैंक की राजनीति पर शर्म आनी चाहिए।’

इस सच से कोई अनजान नहीं है कि कन्हैया लाल को सुरक्षा प्रदान करने में गहलोत सरकार विफल रही। राजस्थान पुलिस आतंकियों को पकड़ना नहीं चाहती थी, इसलिए मूकदर्शक बनी रही। एनआईए ने दोषियों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि मुख्यमंत्री गहलोत झूठी अफवाह फैलाने में व्यस्त रहे कि संदिग्धों के खिलाफ कोई आरोपपत्र दायर नहीं किया गया है। आरोप पत्र 22 दिसंबर, 2022 को दायर किया गया था।

मोदी जी के नेतृत्व और शाह की सख्त रणनीतियों के तहत जिस पीपुल्स फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगा दिया गया, उस संगठन को भी राजस्थान सरकार राज्य में खुली छूट दे रखी है। जिसका ताजा उदाहरण कोटा में पीएफआई द्वारा निकाली गई रैली है।

पिछले पाँच सालों में राज्य के लोग गहलोत सरकार से निराश हो चुके हैं। गहलोत सरकार को ‘सबसे भ्रष्ट’ प्रशासन चलाने का गौरव प्राप्त है। विभिन्न सर्वेक्षणों ने भी स्पष्ट किया है कि राज्य पिछले तीन से चार वर्षों से भ्रष्टाचार में पहले स्थान पर है। गहलोत 3डी अर्थात दंगा (दंगा), दलित अत्याचार और महिलाओं के खिलाफ दुर्व्यवहार (अपराध) वाली सरकार चलाते हैं। भ्रष्टाचार में लिप्त सरकार की उलटी गिनती शुरू हो चुकी है, आगामी चुनाव में गहलोत सरकार का जाना तय है।

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