निजीकरण, महंगाई और कारपोरेट के खिलाफ आइपीएफ कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन

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IPF workers protest against privatization, inflation and corporate

किसान आंदोलन ने मोदी के कारपोरेटपरस्त चेहरे को किया बेनकाब

लखनऊ:  संयुक्त किसान मोर्चा और संयुक्त टेªड यूनियन्स के आवाहन पर आल इंडिया पीपुल्स फ्रंट, जय किसान आंदोलन से जुड़े मजदूर किसान मंच, वर्कर्स फ्रंट और युवा मंच के कार्यकर्ताओं ने निजीकरण, महंगाई और कारपोरेटपरस्त नीतियों के खिलाफ पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के बारे में प्रेस को जानकारी देते हुए आज जारी बयान में आइपीएफ के राष्ट्रीय प्रवक्ता एस. आर. दारापुरी व मजदूर किसान मंच के महासचिव डा. बृज बिहारी ने बताया कि आज जिला व तहसील मुख्यालयों समेत गांव-गांव में कार्यकताओं ने विरोध प्रदर्शन कर महामहिम राष्ट्रपति को पत्रक भेजा। पत्रक में पेट्रोल, डीजल व रसोई गैस की बढ़ी कीमते वापस लेने, देश के सार्वजनिक उद्योगों व प्राकृतिक सम्पदा के निजीकरण को खत्म करने, किसान विरोधी तीनों काले कृषि कानूनों और मजदूर विरोधी लेबर कोड रद्द करने, विद्युत संशोधन विधेयक 2021 को वापस लेने, वनाधिकार कानून के तहत जमीन का पट्टा देने, रोजगार के अधिकार को मौलिक अधिकार बनाने, मनरेगा में 150 दिन काम व बकाया मजदूरी के भुगतान और 181 वूमेन हेल्पलाइन को पूरी क्षमता से चलाने की मांगों को उठाया।
विरोध प्रदर्शनों में वक्ताओं ने कहा कि जारी किसान आंदोलन आज जनांदोलन बन चुका है। इस आंदोलन ने मोदी सरकार की कारपोरेट परस्त चेहरे को बेनकाब कर दिया है। देश में तानाशाही थोपने के जिस प्रोजेक्ट पर आरएसएस-भाजपा काम कर रहे थे किसान आंदोलन ने उनके मंसूबों को चकनाचूर कर दिया है। यहां तक की आरएसएस-भाजपा का लम्बे समय से आधार बने व्यापारी वर्ग ने भी जीएसटी और उत्पीड़न के खिलाफ अब आंदोलन शुरू कर दिया है। देश में इन आंदोलनों ने हर देशभक्त नागरिक के मन में आशा की किरण पैदा की है कि मोदी सरकार की देशी विदेशी कारपोरेट को देश बेचने मंशा कामयाब नहीं होगी।
आज के कार्यक्रमों का लखीमपुर खीरी में आइपीएफ के प्रदेश अध्यक्ष डा. बी. आर. गौतम, सीतापुर में मजदूर किसान मंच नेता सुनीला रावत, युवा मंच के नागेश गौतम, अभिलाष गौतम, लखनऊ में वर्कर्स फ्रंट अध्यक्ष दिनकर कपूर, उपाध्यक्ष उमाकांत श्रीवास्तव, एडवोकेट कमलेश सिंह, सोनभद्र में प्रदेश उपाध्यक्ष कांता कोल, कृपाशंकर पनिका, मंगरू प्रसाद गोंड़,  राजेन्द्र प्रसाद गोंड़, सूरज कोल, श्रीकांत सिंह, रामदास गोंड़, शिव प्रसाद गोंड़, महावीर गोंड,़ आगरा में आइपीएफ महासचिव ई. दुर्गा प्रसाद, चंदौली में अजय राय, आलोक राजभर, डा. राम कुमार राय, गंगा चेरो, रामेश्वर प्रसाद, इलाहाबाद में युवा मंच संयोजक राजेश सचान, अध्यक्ष अनिल सिंह, इंजीनियर राम बहादुर पटेल, मऊ में बुनकर वाहनी के एकबाल अहमद अंसारी, बलिया में मास्टर कन्हैया प्रसाद, बस्ती में एडवोकेट राजनारायण मिश्र, श्याम मनोहर जायसवाल, गोण्डा में साबिर अजीजी, आरिफ, वाराणसी में प्रदेश उपाध्यक्ष योगीराज पटेल का नेतृत्व किया।

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