महिलाओं के वित्तीय समावेशन में निवेश वुमेंस वर्ल्ड बैंकिंग के जन धन प्लस प्रोग्राम के साक्ष्य

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नई दिल्ली: वुमेंस वर्ल्ड बैंकिंग ने भारत में महिलाओं के वित्तीय समावेशन को बढ़ाने के दृष्टिकोण पर चर्चा करने के लिए अपनी फ्लैगशिप थॉट-लीडरशिप सीरीज “मेकिंग फाइनेंस वर्क फॉर वुमेन”(एमएफडब्ल्यूडब्ल्यू) के दूसरे एडिशन का आयोजन किया। इस वर्चुअल इवेंट में ग्रामीण और उपनगरीय क्षेत्रों में बैंक ऑफ बड़ौदा के साथ शुरू किए गए जन धन प्लस प्रोग्राम के परिणामों पर भी चर्चा की गई।इस कार्यक्रम में प्रधान मंत्री के पूर्व सलाहकार एवं ग्रामीण विकास मंत्रालय के पूर्व सचिव श्री अमरजीत सिन्हा मुख्य वक्ता थे। जिसमे उन्होंने कहा, “गरीबी में हम किस तरह से कमी ला सकते हैं, इसका उत्तर जानने की खोज काफी लंबे समय से चल रही है, जिसमे हम महिलाओं के लिए मेकिंग फाइनेंस वर्क वर्चुअल इवेंट लेकर आये है। ग्रामीण भारत में हमारे वर्षों के काम द्वारा हमने पाया है कि आत्मविश्वास से भरी महिलाएं हकीकत में लोकल अर्थव्यवस्था चला सकती हैं, तथा जिसमे महिलाओं में निवेश पर रिटर्न भी लगातार अधिक रहा है। महिलाओं की जरूरतों को पूरा करने में वुमेंस सेल्फ हेल्प ग्रुप्स के सदस्य भी काफी प्रभावी इंटरप्राइजेज साबित हुए। आगे के मार्ग के लिए उनके कम्युनिटी -कनेक्ट और सामाजिक पूंजी का लाभ उठाया जाना चाहिए। बदलाव तथा परिवर्तन तब ही संभव है जब वित्त महिलाओं के लिए काम करें, और मैं वित्त में जेंडर इन्क्लूज़न (लिंग समावेशन) में अंतर को काफी हद तक पाटने के लिए बैंकरों को बधाई देना चाहता हूँ।”महिलाओं के वित्तीय समावेशन को मुख्यधारा में लाने पर पैनल चर्चा में संजीव चड्ढा, एमडी एंड सीईओ, बैंक ऑफ बड़ौदा, राजेश बंसल, सीईओ, रिजर्व बैंक इनोवेशन हब (आरबीआईएच), कल्पना अजयन, रीजनल हेड ऑफ़ साउथ एशिया, वुमेंस वर्ल्ड बैंकिंग तथा जयश्री व्यास एमडी, सेवा सहकारी बैंक लिमिटेड शामिल थे। वुमेंस वर्ल्ड बैंकिंग की रीजनल हेड ऑफ़ साउथ एशिया, कल्पना अजयन ने कहा, “वित्तीय समावेशन पर भारत के फोकस ने बैंक रहित वर्ग को औपचारिक बैंकिंग में लाने के लिए अपेक्षित प्रोत्साहन प्रदान किया है। जिसमे वुमेंस – सेंटर्ड डिज़ाइन दृष्टिकोण, जो कि अंतर्दृष्टि पर आधारित है, तथा जिसे जब वैल्यू चैन और संपूर्ण इकोसिस्टम द्वारा अपनाया जाता है, तो महिलाओं को वित्तीय उत्पादों और सेवाओं के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने के लिए आसानी से प्रोत्साहित किया जा सकता है। भारत के बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, नियामकों, राष्ट्रीय कार्यक्रमों, नागरिक समाज संगठनों तथा फिन-टेक प्लेयर्स के साथ हमारी इस साझेदारी के माध्यम से, हमें पूर्ण विश्वास है कि अगले हाफ बिलियन लोग वित्तीय रूप से सशक्त हो सकेंगे ।
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