भारतीय क्रिकेट टीम का इंग्लैंड दौरे पर प्रदर्शन सवालों के घेरे में रहा है। चाहे प्लेइंग-11 का चयन हो या फिर खिलाडियों का निजी प्रदर्शन सभी पर सवाल उठे हैं और ये देख बीसीसीआई काफी सख्त रुख अपनाने के मूड में है। ऐसे में इस दौरे के बाद कोचिंग स्टाफ में बदलाव की आहट सुनाई दे रही है।
भारतीय क्रिकेट टीम ने अपने जुझारूपन से मैनचेस्टर में खेले गए चौथे टेस्ट मैच को ड्रॉ करा लिया। टीम इंडिया के लिए ये ड्रॉ किसी जीत से कम नहीं है। हालांकि, इसके बाद भी टीम इंडिया का कोचिंग स्टाफ निशाने पर है। संभावना है कि इंग्लैंड में खेली जा रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी के बाद कोचिंग स्टाफ में बदलाव देखने को मिले।
भारत पांच मैचों की टेस्ट सीरीज खेलने इंग्लैंड आया है। चार मैच हो चुके हैं और वह 1-2 से पीछे है। यहां से टीम इंडिया सीरीज अपने नाम नहीं कर सकती। द ओवल में खेला जाने वाला आखिरी मैच अगर टीम इंडिया जीतती भी है तो सीरीज ड्रॉ रहेगी।
इन लोगों पर गिर सकती है गाज
अंग्रेजी अखबर द टेलीग्राफ के मुताबिक, बीसीसीआई टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ में बदलाव करने के बारे में सोच रहा है। पांचवां टेस्ट मैच चाहे टीम इंडिया जीते या हारे, भारतीय बोर्ड ने बदलाव का मन बना लिया है। रिपोर्ट के मुताबिक, गेंदबाजी कोच मोर्ने मोर्केल और सहायक कोच रयान टेन डोश्टे बोर्ड के निशाने पर है और इस सीरीज के बाद इन दोनों की छुट्टी हो सकती है। बोर्ड इन दोनों को हटाने में ज्यादा से ज्यादा एशिया कप तक समय लेगा जो सितंबर में खेला जाना है। बोर्ड की कोशिश भारत की अगली टेस्ट सीरीज से पहले कई तरह के बदलाव करने की है। ये सीरीज भारत में ही खेली जाएगी।
मोर्केल और टेन डोश्टे को टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर ने चुना था। हालांकि, दोनों ही पूरी तरह से फेल हुए हैं, खासकर टेस्ट क्रिकेट में।
इस कारण लगी मुहर
मोर्केल के बारे में काफी विचार किया जा रहा था,लेकिन उनको बाहर करने पर अंतिम मुहर अंशुल कंबोज को प्लेइंग-11 में जगह देने के बाद लगी जिनकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे थी। कंबोज का मैनचेस्टर में डेब्यू हुआ, लेकिन वह प्रभावित नहीं कर पाए। इसके अलावा मोर्केल के आने के बाद भारत का गेंदबाजी आक्रमण टेस्ट मैचों में उतना पैना नहीं दिखा है जितना था। इसके अलावा कुलदीप यादव को बाहर रखने का फैसला भी एक कारण है।
रिपोर्ट में सूत्र के हवाले से लिखा गया है, “कोचेज हमेशा संतुलन की बात करते हैं, लेकिन कुलदीप यादव जैसे विश्व स्तरीय गेंदबाज को बाहर रखना बहुत बड़ी गलती रही है।”
मोर्केल के बारे में कहा जा रहा है कि वह एक भी तेज गेंदबाज को निखार नहीं पाए। बीसीसीआई का मानना है कि वह दोनों कोचेज को लेकर काफी धैर्य दिखा चुका है और अब उसे कदम उठाने होंगे।
सेलेक्टर्स भी निशाने पर
रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि इंग्लैंड दौरे पर गए दो सेलेकटर्स- अजीत अगरकर और शिवसुंदर दास पर भी बीसीसीआई की नजरें हैं और इन दोनों से भी बोर्ड सवाल-जवाब कर फैसला ले सकता है।