नवागढ़ अभिलेख एवं पुरातत्व का लोकार्पण

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अवधनामा संवाददाता

नवागढ़ की पुरा संपदा ऐतिहासिक धरोहर : आचार्यश्री

ललितपुर। मयूर विहार दिल्ली में विराजित निर्यापक पट्टाचार्य श्री श्रुतसागर महाराज के मंगल सान्निध्य में प्रागैतिहासिक नवागढ़ क्षेत्र पर केन्द्रित नवागढ़ अभिलेख एवं पुरातत्व शोध ग्रंथ का लोकार्पण विजय कुमार जैन, अरविंद जैन एवं समस्त पदाधिकारियों के साथ ग्रीन पार्क महिला मंडल की अध्यक्ष सरिता जैन एवं मयूर विहार की महिला अध्यक्ष अंजू जैन, रेनू जैन ने संपादित किया। नवागढ़ क्षेत्र के निर्देशक ब्र.जयकुमार निशांत ने यह ग्रंथ आचार्यश्री को भेंट किया। नवागढ़ पर डा.अर्पिता रंजन दिल्ली ने शोधकार्य किया है। इस अवसर पर आचार्यश्री श्रुतसागर महाराज ने बताया ब्र. जय भैया विगत 25 वर्षों से संपर्क में हैं। आपने प्रतिष्ठा कार्य को आगमोक्त विधि से करते हुए विशेष आयाम स्थापित किया है। मुझे प्रसन्नता है आपने प्रतिष्ठा कार्य के साथ इतिहास पर भी कार्य करना आरंभ किया है। नवागढ़ में प्राप्त शैल चित्र जिनमें जैनदर्शन के गूढ़ रहस्य संकेत रूप में चित्रित हैं, विशेष हैं इनमें जहां श्रावकों की चर्या, मुनिचर्या को चित्रित किया है वहीं सल्लेखना द्वारा मुक्ति को प्राप्त करने के संकेत भी हैं। नवागढ़ में प्राप्त पुरा संपदा जैन दर्शन, पुरातत्व की ऐतिहासिक धरोहर हैं। बताया कि डा.अर्पिता रंजन जो भारतीय पुरातत्व विभाग दिल्ली में सहायक अधीक्षण पुरालेखविद के रूप में कार्यरत हैं,आपने विगत 4 वर्षों में नवागढ़ क्षेत्र के अभिलेखों, प्रतिमाओं, कलाकृतियों एवं परिवेश का अध्ययन करते हुए नवागढ़ से प्राप्त संस्कृत अभिलेख एवं पुरातात्विक साक्ष्यों का समीक्षात्मक अध्ययन विषय पर शोध प्रबंध किया है। निदेशक ब्र. जय निशांत भैया ने अपने उदबोधन में कहा कि आचार्य महाराज ने अपनी तपा शक्ति, इच्छाशक्ति एवं साधना शक्ति के द्वारा ट्यूमर जैसे रोग को दूर किया है। इस दौरान विजय कुमार ने निशांत का सम्मान किया।

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