सिंचाई विभाग में ढाई करोड़ का घोटाला, विधायक ने सदन में उठाई आवाज
अधिकारियों व ठेकेदारों की मिली भगत से मरम्मत के नाम पर किया गया घोटाला
कुशीनगर। हाटा नगर स्थित सिंचाई विभाग के निरीक्षण भवन समेत कई भवनों में मरम्मत के नाम पर करोड़ों रुपए घोटाले का सनसनीखेज खुलासा सदन में हाटा विधायक मोहन वर्मा ने किया। उन्होंने सदन में मामले को उठाते हुए जांच कराने की मांग किया है।
विधायक श्री वर्मा ने बताया कि परिसर में सहायक अभियंता प्रथम तथा सहायक अभियंता चतुर्थ एवं जिलेदारी प्रथम तथा जिलेदारी चतुर्थ का कार्यालय स्थित है। परिसर में एक अधिकारी आवास एवं 4 कर्मचारी आवास स्थित है। 4 स्टोर भी है जिसमें सीमेंट आदि का भंडारण किया जाता है। सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश शासन के द्वारा इन आवासों के मरम्मत हेतु विशेष मरम्मत मद के अंतर्गत रूपये 2 करोड़ 49 लाख धन आवंटन किया लेकिन सिंचाई विभाग के अधिकारियों द्वारा अपने चहेते ठेकेदार को भवन आदि के निर्माण के लिए टेंडर दे दिया गया। जिसमें ठेकेदार द्वारा मानक के विपरीत निर्माण कराया गया तथा सरकारी धन का दुरूपयोग किया गया।
यद्यपि पुराने भवन के ध्वस्तीकरण के पश्चात उसी नींव पर पुराने ईंटों की चिनाई कराकर दीवार खड़ा कर दिया गया जबकि नींव की खुदाई कराकर नई नींव पड़नी चाहिए थी जिस पर नए ईंटों से दीवार बनाया जाना चाहिए था, लेकिन ठेकेदार ने अधिकारियों से मिलीभगत करके सरकारी पैसे का बंदरबांट किया। हद तो तब हो गई जब कमजोर नींव व पुरानी ईंटों से खड़ी दीवार पर छत डालकर छज्जा ढाल दिया और दीवारों को सीमेंट की छपाई कराकर रंग रोगन कर दिया। समूचे भवन के निर्माण में सीमेंट, सरिया व रेत का मानक के अनुरूप प्रयोग नहीं किया गया जिससे भवन रेत के ढेर पर खड़ा है।
यह सब सारा खेल सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता अक्षय कुमार झा के देखरेख में हुआ है। भ्रष्टाचार के लिए सहायक अभियंता अनुज कुमार झा जिम्मेदार हैं। जिनको बार बार घटिया निर्माण के संबंध में चेताया गया लेकिन ठेकेदार से साठगांठ करके घटिया निर्माण कराया गया।
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