नही रुक रहा हमीरपुर में गैर कानूनी खनन

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अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान।

खंड संख्या 26/5, 10/33, 9/1, 10/22, 22/14 व 23/7 में दिन रात उड़ाई जा रहीं हैं कानून की धज्जियां।

हमीरपुर : योगी राज में जनपद हमीरपुर अवैध खनन के पिछले सारे रिकार्ड तोड़ कर नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है यहां बेतवा नदी के किनारे संचालित मौरंग खदानों में एनजीटी के आदेशों का खुलकर उल्‍लंघन किया जा रहा है। अधिकांश उप खंडों पर प्रतिबंधित भारी मशीनों से बेतवा नदी में मानक से कई गुना अधिक गहराई में मौरंग का खनन किए जाने से नदी की जलधारा भी प्रभावित हो रही है इतना ही नहीं मौरंग खदानों से निर्धारित क्षमता से कई गुना मौरंग ट्रकों व डंपरों में लोड की जा रही है जिस से सड़कें भी टूट रही हैं। मौरंग के अवैध खनन और परिवहन के खेल में माफियाओं के गुर्गे भी शामिल है जो खदानों से मौरंग के ओवर लोड ट्रक, डंपरों को पड़ोसी जिलों तक पास कराते हैं।
अवैध खनन को लेकर जिला हमीरपुर सदैव सुर्खियों में रहता है यहां खनन माफिया बालू व मौरंग का अवैध खनन बेखौफ होकर धड़ल्ले से करते हैं अवैध खनन करते हुए पकड़े जाने पर जिला प्रशासन बड़ी कार्यवाही करता है लेकिन इन खनन माफियाओं के फर्क नही पड़ता जिस दिन मशीनें सीज होती हैं अगले ही दिन दूसरी मशीनें साईट में पहुंचे जाती हैं। पट्टे की आड़ में प्रतिबंधित भारी मशीनों का प्रयोग करके नियम और कानून की खुलेआम धज्जिया उड़ाते रहतें हैं इतना ही नहीं यह माफिया खनिज विभाग से सांठ -गांठ करके सरकार को हर दिन लाखों का चूना लगा रहे हैं। इसके अतिरिक्त यह खनन माफिया अपनी दबंगई व गुंडे टाईप गुर्गों के दम पर किसानों की जमीनों में जबरन कब्ज़ा करके, खनन पट्टे से अतिरिक्त भी खनन करते रहते हैं। किसान शिकायते करते रहते हैं मगर स्थिति जस तस बनी रलती है।
मौरंग खनन में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के नियम कहते हैं कि तीन मीटर से अधिक गहराई पर खनन नहीं किया जा सकता। लेकिन हमीरपुर की नदियों में इस नियम को ताक पर रखकर जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।यहां 20-30 मीटर तक खुदाई की जा रही है। नियम बताते हैं कि भारी मशीनों से खनन नहीं किया जाना चाहिए मगर हमीरपुर जनपद की गाटा संख्या 22/14 रिरुआ बसरिया, 10/22 ललपुरा तथा 9/1 ग्राम कन्डौर 23/7 भेडी खरका तथा 10/33, 26/5 आदि खदानों को पट्टा धारकों नें संचालन हेतु ऐसे खनन माफियाओं को दे दी हैं जो दमंगई के दम पर खदानों में प्रतिबंधित मशीनों का प्रयोग कर खुलेआम अवैध खनन कर रहें हैं। पोकलैंड व एअर-लिफटर जैसी भारी-भरकम मशीनों से नदी के बहाओ को रोक कर बीस से तीस मीटर गहराई से मौरंग निकाल कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। अधिक गहराई से खनन होने से भूखंडों में पानी निकल आया है और मशीनों के खनन से जलजीव मर रहे हैं।उपर्युक्त खदानों के पट्टाधारक स्वयं खदानें न चला कर माफियाओं से संचालित करवा रहे हैं जो लोग दिन रात मनमानी कर अवैध खनन करते हैं। इन खदानों में रेवुनू स्लिप से लेकर ओवरलोडिगं में किया जा रहा है भारी खेल।

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