डाक्टर गंभीरता से इलाज करते तो बच सकती थी पत्रकार की मां की जान

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एक दैनिक अखबार के पत्रकार मधुसूदन मिश्र की मां की मौत से मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई हैं। पत्रकार की मां मौत के पीछे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के डाक्टरों की लापरवाही सामने आई है। सी एच सी अमेठी में तैनात चिकित्सक ने गंभीरता से इलाज नहीं किया।
संग्रामपुर के जरौटा निवासी पत्रकार मधुसूदन मिश्रा की बुजुर्ग मां का अचानक सांस फूलने से तबीयत बिगड़ने लगी। निजी वाहन से तुरंत अपनी मां को लेकर अमेठी सीएचसी पहुंचे। जहां पर अस्पताल में कोई डॉक्टर व फार्मासिस्ट मौजूद नहीं था। पत्रकार द्वारा तुरंत मां की हालत गम्भीर होता देख सीएचसी अधीक्षक को सूचना दी गई। जिसके आधे घंटे बाद कार से सीएचसी पर तैनात डॉ देवेश आए और इलाज करने के बजाय तुरंत अस्पताल परिसर में स्थित अपने आवास पर चले गए और करीब पांच मिनट आने के बाद बिना किसी जांच परीक्षण किए रेफर कर दिए।
 मधूसुदन मिश्र ने अपनी मां को निजी वाहन से लेकर मुंशीगंज निजी अस्पताल के लिए रवाना हुए।  जहां अस्पताल पहुंचने पर डॉक्टरों ने देरी से आने को लेकर मृत घोषित कर दिया।
 पत्रकार मधुसूदन मिश्रा ने बताया कि अगर सीएचसी में डॉक्टर मौजूद होते और समय से इलाज हो जाता तो मेरी माँ बच सकती थी।
पत्रकार मधुसूदन मिश्र की मौत से मीडिया जगत में शोक की लहर दौड़ गई हैं। प्रेस क्लब,पारदर्शी परिवार न्यूज ग्रुप, पत्रकार एसोसिएशन, श्रमजीवी पत्रकार संघ, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन सहित सभी पत्रकार संगठनों ने निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया है।
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