आईसीसी  सीईओ मनु साहनी को कार्यकाल खत्म होने से पहले देना पड़ सकता है इस्तीफा

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ICC CEO Manu Sawhney may have to resign before the term ends

 

नई दिल्ली (New Delhi)  इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (आईसीसी) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मनु साहनी (Manu sahni ) को छुट्टी पर भेज दिया गया है। मनु साहनी (Manu sahni ) का आचरण जांच के दायरे में आ गया है और वह कार्यकाल से पहले इस्तीफा दे सकते हैं। साहनी को आईसीसी वर्ल्ड कप 2019 के बाद डेव रिचर्ड्सन की जगह 2022 तक सीईओ बनाया गया था। पता चला है कि नीतियों के बारे में अलग-अलग फैसलों को लेकर कुछ प्रभावी क्रिकेट बोर्ड के साथ उनके रिश्ते अच्छे नहीं हैं।

कथित रूप से साथी कर्मचारियों के साथ कठोर बर्ताव के कारण वह समीक्षा के दायरे में आए हैं। आईसीसी बोर्ड के करीबी एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘उनके कठोर बर्ताव को लेकर आईसीसी के कई कर्मचारियों ने सबूत दिए हैं, जो कर्मचारियों के मनोबल के लिए अच्छा नहीं है।’ साहनी (sahni) पिछले कुछ समय से ऑफिस नहीं आ रहे हैं और मंगलवार (Tuesday) को 56 साल के इस अधिकारी को छुट्टी पर जाने को कहा गया।

सूत्र ने कहा, ‘निदेशक मंडल समझौते का फार्मूला ढूंढने की कोशिश कर रही है, जहां साहनी (sahni) इस्तीफा देकर गरिमा के साथ अपना पद छोड़ दें।’ पिछले साल नए चेयरमैन की चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से ही साहनी (sahni) दबाव में थे। पिछले साल नवंबर में ग्रेग बार्क्ले (Greg Barkley ) को चेयरमैन चुना गया। आरोप लगाए गए हैं कि साहनी की दबदबा बनाकर काम करने की शैली रिचर्ड्सन की काम करने की शैली से बिल्कुल अलग है और कुछ कर्मचारियों को यह पसंद नहीं आई है। साथ ही पिछले साल चुनाव के दौरान उनके अंतरिम चेयरमैन इमरान ख्वाजा का समर्थन करने से भी कुछ क्रिकेट बोर्ड नाखुश लग रहे हैं।

आईसीसी में चल रहे घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘पिछले कुछ सालों में वह काफी क्रिकेट बोर्ड का पसंदीदा नहीं रहा है। सबसे पहले तो काफी लोगों को शशांक मनोहर (Shashank Manohar ) की जगह लेने के लिए न्यूजीलैंड के ग्रेग बार्क्ले और सिंगापुर (Singapore ) के इमरान ख्वाजा ( Imran Khawaja)  की दावेदारी के दौरान उनकी अप्रत्यक्ष संलिप्तता पसंद नहीं आई।’ दूसरा कारण यह है कि कुछ बड़े बोर्ड इसलिए निराश हैं, क्योंकि उन्होंने आईसीसी के हाल के फैसले का समर्थन किया है, जिसमें बोर्ड को अगली साइकिल के दौरान आईसीसी टूर्नामेंट्स की मेजबानी के लिए बोली लगाने और फीस का भुगतान करने को कहा गया है।

पता चला है कि भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई), इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) और क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (Australia ) (सीए) पूरी तरह से इस विचार के खिलाफ हैं और अलग-अलग बोर्ड बैठक में नाखुशी जता चुके हैं। एक अन्य कारण उनके उस प्रस्ताव का समर्थन करना है, जिसमें 2023 से 2031 के बीच आठ साल की अगली साइकिल में हर साल कम से कम एक आईसीसी टूर्नामेंट के आयोजन की बात कही गई है। ‘बिग थ्री’ ने इसका विरोध किया है जिसमें बीसीसीआई, ईसीबी और सीए शामिल हैं। अगर साहनी (sahni) इस्तीफा नहीं देने का फैसला करते हैं तो निदेशक मंडल उन्हें हटाने की लंबी प्रक्रिया शुरू कर सकता है।

सूत्र ने कहा, ‘साहनी (sahni) को बोर्ड के अंदर समर्थन भी हासिल है, जो नौ और आठ सदस्यों के दो गुटों में बंटा हुआ है। साहनी को हटाने के लिए 17 में से 12 वोट की जरूरत होगी जो निदेशक मंडल का दो-तिहाई है, क्योंकि उनकी नियुक्ति को बोर्ड में बहुमत से स्वीकृति मिली थी।’ उन्होंने कहा, ‘यह देखना रोचक होगा कि बिग थ्री की मौजूदगी वाले गुट को उन्हें हटाने के लिए 17 में से जरूरी 12 वोट मिलते हैं या नहीं।’

 

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