संजीवनी की मानिंद : डॉ. मधुमोहन
टीएमयू नर्सिंग कॉलेज की ओर से चिकित्सा आहार पर गेस्ट लेक्चर
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग के मेडिकल सर्जिकल नर्सिंग विभाग में चिकित्सीय आहार, मधुमेह और हृदय बीमारियों को लेकर आयोजित गेस्ट लेक्चर में तीर्थंकर महावीर हॉस्पिटल एवं रिसर्च सेंटर की सीनियर डाइटीशियन डॉ. मधुमोहन ने कहा, असंतुलित आहार लेने से रक्त चाप, हृदय और लीवर सिरोसिस जैसी बीमारियाँ हो सकती हैं। मधुमेह पर प्रकाश डालते हुए बोलीं, डाइबिटीज दो टाइप की होती है। पहली मधुमेह 40 वर्ष की उम्र से पहले होती है। यह इंसुलीन डिपेंडेंट होता है। इसमें पेन्क्रियाज काम करना बंद कर देता है, जिससे इंसुलीन नहीं बनता है। दूसरी मधुमेह 40 वर्ष की उम्र के बाद होता है। इसका मुख्य कारण मेटाबोलिक का सही से न होना और असंतुलित आहार होता है। इस श्रेणी के मधुमेह को हम संतुलित आहार लेकर संतुलित रख सकते हैं। डॉ. मधुमोहन ने बताया, हमें वसा की मात्रा कम लेनी चाहिए। फाइबरयुक्त आहार लेना चाहिए। खाने ने सफ़ेद सरसों का तेल इस्तेमाल करना चाहिए। इस मौके पर प्राचार्य प्रो. श्रीनाथ कुलकर्णी ने मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया।
डॉ. मधुमोहन बोलीं, मधुमेह के कारण हमें हृदय की अनेक बीमारी जैसे- कोरोनरी आरट्री, डीप वेन, हृदय घात आदि बीमारियां सकती हैं। हृदय बीमारियों से बचाव के लिए हमें कोलेस्ट्रोल की मात्रा कम लेनी चाहिए। फाइबरयुक्त डाइट लेनी चाहिए। सोडियम की मात्रा कम लेनी चाहिए। पैक्ड फ़ूड का कम इस्तेमाल करना चाहिए। खाने में हरी सब्जियों का अधिक से अधिक प्रयोग करना चाहिए। निरंतर योग भी करना चाहिए। कॉलेज के प्राचार्य प्रो. श्रीनाथ ने बताया, अगर हम संतुलित आहार नहीं लेते हैं तो हमें रक्त चाप और मधुमेह जैसी बिमारियों की होने की सम्भावना अधिक हो जाती है। वाइस प्रिंसिपल प्रो. जेसलीन एम ने आहार के महत्व को समझाते हुए बताया, हमें संतुलित आहार- हरी सब्जियां, फल और कम तला भुना भोजन का सेवन करना चाहिए। गेस्ट लेक्चर में श्री जेविन जे सिंह, मिस नीरजा के अलावा बीएससी द्वितीय, जीएनएम द्वितीय, एमएससी प्रथम और द्वितीय वर्ष लगभग 205 छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। अंत में श्री जितेंद्र सिंह ने सभी का शुक्रिया अदा किया। गेस्ट लेक्चर का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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