Saturday, May 4, 2024
spot_img
HomeHealthविश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जुलाई 28, को अधिकारिक तौर पर विश्व हेपेटाइटिस...

विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जुलाई 28, को अधिकारिक तौर पर विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में घोषित

BRIJENDRA BAHADUR MAURYA 
(विश्व हेपेटाइटिस दिवस)
Exif_JPEG_420
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा जुलाई 28, को अधिकारिक तौर पर विश्व हेपेटाइटिस दिवस के रूप में घोषित किया गया है। 28 जुलाई को  जन्म दिवस है, जिन्होने हेपेटाइटिस बी वायरस की खोज की थी। विश्व हेपेटाइटिस दिवस की पूर्व संध्या पर डॉ0 संजय कुमार सोमानी (एम0डी0, डी0 एम0- गेस्ट्रोइन्ट्रोलॉजी एवं हेपेटोलॉजी एवं लिवर रोग विशेषज्ञ – ने प्रेस क्लब, लखनऊ में एक प्रेस कांॅफ्रेस को सम्बोधित किया है। उन्होनें बताया कि विश्व भर में लगभग 500 मिलियन व्यक्ति हेपेटाइटिस ‘बी‘ अथवा हेपेटाइटिस ‘सी‘ (प्रत्येक 12 व्यक्ति में 1) नामक वायरस से प्रभावित हैं एवं वर्ष भर में लगभग 1 मिलियन व्यक्ति इसके कारण मौत का शिकार हो रहे है। ज्यादातर व्यक्तियों को इस प्रकार के पुराने वायरस से प्रभावित होने का पता ही नही चल पाता। विश्व हेपेटाइटिस दिवस ( 28 जुलाई) को मनाने के पीछे इसका उद्देश्य लोगों को इस प्रकार के हेपेटाइटिस बी व सी के बारे में जागरूक करना, रोकथाम करना, निदान एवं उपचार करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सन 2030 तक हेपेटाइटिस के उनमूलन का लक्ष्य रखा है। यदि इसका उचित उपचार किये बिना छोड दिया जाय तो आगे चलकर लीवर सिरोसिस तथा अन्य व्याधियों को प्रभावित कर सकता है, जो लिवर कैंसर अथवा लिवर का फेल हो जाने का कारण बन सकता है। हेपेटाइटिस ‘ए‘ एवं ‘ई‘ भी लिवर सम्बन्धी बीमारियों को जन्म देता है। 
वर्ष भर में 1.4 मिलियन व्यक्ति हेपेटाइटिस ‘ए‘ से प्रभावित होते है। प्रत्येक वर्ष लगभग 20 मिलियन व्यक्ति हेपेटाइटिस ‘ई‘ से प्रभावित होते हैं जिनमें से लगभग 3 मिलियन व्यक्ति इसके तीव्र आक्रमण की चपेट में आते है और लगभग 70,000 व्यक्ति मौत का शिकार होते है। उत्तर प्रदेश में हेपेटाइटिस ‘बी‘ के लगभग 80 लाख तथा हेपेटाइटिस ‘सी‘ के लगभग 25 लाख मरीज है।
हेपेटाइटिस ‘बी‘ एवं ‘सी‘:-
अधिकतर व्यक्ति जो इस वायरस से प्रभावित होते हैं उनको इसके लक्षणों के बारे में पता ही नही चल पाता यहां तक कि उनका लिवर भी क्षतिग्रस्त हो जाता है। अधिक समय पश्चात् उनका लिवर पूरी तरह से खराब हो चुका होता है। जिसको सिरोसिस कहते है। यदि आपको लिवर सिरोसिस है तो आपकी जान को खतरा बन जाता है जो रक्तस्राव, पेट में पानी भर जाना, लिवर कैंसर अथवा कोमा में चले जाना आदि हो सकता है। अपने आपको इस प्रकार के वायरस से बचाना अत्याधिक महत्वपूर्ण है। सुरक्षित यौन सम्बन्ध बनाये, दूसरों को टूथब्रश, ब्लेड, सुई एवं संक्रमित चिकित्सीय उपकरणों का इस्तेमाल न करे। 
हेपेटाइटिस ‘बी‘ क्या है?
विश्व भर में लगभग 2.4 बिलियन व्यक्ति इससे प्रभावित है। भारत में लगभग 3-4 प्रतिषत (40 मिलियन) हेपेटाइटिस ‘बी‘ से प्रभावित है। उत्तर प्रदेष में हेपेटाइटिस बी के लगभग 8 मिलियन मरीज है।
आप कैसे प्रभावित होते है ?
विष्व भर में लगभग 170 मिलियन व्यक्ति इससे प्रभावित है। विष्व जनसंख्या के लगभग 3 प्रतिषत लोग हेपेटाइटिस सी से प्रभावित है जिसमें से लगभग 3.5 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष इस वायरस के कारण होने वाली लिवर से सम्बन्धित बीमारियों से मौत का षिकार हो रहे है। भारत में 1 करोड़ लोगों को हेपेटाइटिस सी है।
हेपेटाइटिस सी वायरस 15 से 30 वर्ष पश्चात् सिरोसिस एवं लिवर कैंसर का कारण बनता है।
आप अपना बचाव कैसे कर सकते है?
हेपेटाइटिस बी से बचाव की एक सुरक्षित एवं कारगर वैक्सीन उपलब्ध है परन्तु इसके साथ-साथ आपको सुरक्षित यौन सम्बन्ध स्थापित करने चाहिए एवं अच्छी किस्म के दस्ताने प्रयोग में लाने चाहिए यदि आप दूसरे व्यक्तियों के रक्त से सम्बन्धित कार्य करते है। अपने निजी स्वच्छ वस्तुएं जैसे टूथब्रष अथवा ब्लेड़ किसी के साथ न बाटें ।
आप हेपेटाइटिस बी का उपचार कैसे करेगे?
 पुरानी लम्बे समय से मौजूद हेपेटाइटिस बी का उपचार पेग-इन्टरफेरॉन अथवा गोलियों (न्यूक्लियोसाइड/न्यूक्लियोटाइड) द्वारा किया जा सकता है। इसमें ज्मदवविअपत और म्दजमबंअपत सबसे कारगर है।
हेपेटाइटिस बी कितना फैला है?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार 2 बिलियन व्यक्ति इससे संक्रमित है जिसमें से 350 मिलियन में यह लम्बे समय से है। 500,000 से 700,000 व्यक्ति हेपेटाइटिस बी के कारण प्रति वर्ष मौत का शिकार होते है। 
हेपेटाइटिस सी क्या है?
विश्व भर मे लगभग 170 मिलियन व्यक्ति इससे प्रभावित है।  विष्व जनसंख्या के लगभग 3 प्रतिषत लोग हेपेटाइटिस सी से प्रभावित हैं जिनमें लगभग 3.5 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष इस वायरस के कारण होने वाली लीवर से सम्बन्धित बीमारियों से मौत का षिकार हो रहे है। भारत में 1 प्रतिषत लोगों को हेपेटाइटिस ‘सी‘ हैं। 
प्रत्येक 5 संक्रमित व्यक्तियों में से 4 व्यक्तियों में ये स्थाई रूप से पाया जाता है। हेपेटाइटिस ‘सी‘ वायरस 15 से 30 वर्ष पश्चात् सिरोसिस एवं लिवर कैंसर का कारण बनता है।
आप कैसे पहचानेंगे?
आपका चिकित्सक सबसे पहले आपकी भ्ब्ट ।दजपइवकल की जाँच करेगा।
आप कैसे प्रभावित होते है?
यह वायरस एक संक्रमित व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति को उसके रक्त द्वारा पहुँच सकता है। रक्त अथवा रक्त उत्पाद इस वायरस को फैलने का सबसे सशक्त माध्यम है।
खतरे पर कौन ?
जो व्यक्ति लगातार बिना जांचा रक्त अथवा रक्त उत्पाद के सम्पर्क में रहते है।
आप बचाव कैसे करेंगे?
हेपेटाइटिस ‘सी‘ के लिए अभी तक कोई वैक्सीन उपलब्ध नहीं है। रक्त अथवा रक्त उत्पाद की जाँच के बाद इसको इस्तेमाल किया जा सकता है। संक्रमित चिकित्सकीय एवं दन्त उपकरण द्वारा यह वायरस फैलता है। अपनी निजी घरेलू वस्तुयें दूसरों को न दें और न ही लें जैसे टूथब्रश, रेजर, कैची इत्यादि। सुरक्षित दस्तानां का प्रयोग करें यदि आप किसी अन्य व्यक्ति के रक्त से समबन्धित कार्य करते है।
उपचार कैसे करेंगे?
यह एक अच्छी खबर हैं कि चार नई खाने की दवाई टमसचंजेंअपतए ैवविइनअपतए क्ंबसंजेंअपत ंदक स्मकपचेंअपत है, जो बहुत सुरक्षित और बहुत कारगार हैं। इसके उपचार में लगभग 12-24 सप्ताह का समय लगता हैं। भारत में ये नई दवाई बहुत ही सस्ती हैं। इलाज का कुल खर्च सवा लाख से कम हैं। इस इलाज से 95ः मरीजों में हेपेटाइटिस सी का कीटाणु मर जाता हैं। 
हेपेटाइटिस कितना फैला है?
भारत में जनसंख्या के लगभग 1 : (12 मिलियन) लोग इस हेपेटाइटिस सी बीमारी से ग्रसित है और प्रतिवर्ष 96000 हेपेटाइटिस ग्रसित लोगों की मृत्यु हो जाती है। उ0प्र0 में लगभग 2.5 मिलियन हेपेटाइटिस सी के मरीज है। 
———————————————————————————————————————
डाउनलोड करें गूगल प्ले स्टोर से avadhnama news app और रहें हर खबर से अपडेट।
 
 
 
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img
- Advertisment -spot_img

Most Popular