अवधनामा संवाददाता
अयोध्या। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते झोलाछाप लोगों को स्वस्थ करने के बजाय उनको मौत के मुंह में ढकेल रहे हैं। इस तरह की घटनाएं पहले भी कई बार हो चुकी हैं।
ताजा मामला रविवार को बारुन में क्लीनिक चला रहे सुरदीप कुमार का हैं डॉक्टर सूरदीप कुमार क्लीनिक के मालिक हैं और दौलतपुर के निवासी वीरभान शर्मा की पत्नी मरीज के पेट में हल्का दर्द हो रहा था जहां वह अपने पड़ोसी प्रदीप कनोजिया के साथ क्लीनिक पर आई डॉक्टर सुरदीप ने महिला मरीज का न तो ब्लड प्रेशर नापा ना बुखार चेक किया बस उसे दो इंजेक्शन फटाफट लगा दिया। उसके बाद महिला मरीज के शरीर में खुजलाहट शुरू हुई। महिला मरीज ने बताया कि उसके शरीर में खुजलाहट हो रही है तो डॉक्टर ने कहा कि आप घर जाइए आपको आराम मिल जाएगा वह अभी बारून पुल क्रॉस ही कर रही थी कि उसके प्राण निकल गए। उसके बाद स्थानीय पत्रकारों को जब पता चला तो वह क्लीनिक पर पहुंचे जहां डॉक्टर क्लीनिक बंद कर भाग चुका था। जब इस संबंध में पत्रकारों ने सीएमएस को फोन किया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ था। पीड़ित के पति का कहना है कि स्वास्थ्य मंत्री इस संबंध में अधिकारियों को निर्देश दे कि की झोलाछाप डॉक्टर को पकड़कर उसके द्वारा लगाए गए इंजेक्शन की जानकारी की जाए और पीड़ित को न्याय दिलाया जाए और ऐसे क्लीनिक ऐसे मेडिकल स्टोर ऐसे डॉक्टर पर अंकुश लगाया जाए। आपको बता दें कि स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत से
शहर के बाहरी इलाकों और देहात में झोलाछापों ने खुद को डॉक्टर घोषित कर रखा है। इनमें से कुछ बिना डिग्री के डॉक्टर हैं तो कुछ अवैध डिग्रियों वाले। यह कथित डॉक्टर हर मर्ज के इलाज की गारंटी लेते हैं और जब केस बिगड़ जाता है तो फिर हाथ खड़े कर देते हैं। कुछ मरीज इन झोलाछापों के इलाज से मौत के मुंह में समा चुके हैं तो कुछ की हालत बिगड़ चुकी है। कई बार जमकर हंगामा भी हुआ है। इन झोलाछापों पर स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते अंकुश नहीं लग पा रहा।
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