नई दिल्ली। मंत्रिसमूह द्वारा जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने से जुड़ी रिपोर्ट को अंतिम रूप दिया जाना बाकी है और ठीक समय पर इस संबंध में फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक राज्यों के मंत्रियों का समूह (जीओएम) इन सिफारिशों पर गौर करके उन्हें अंतिम रूप देगा। बाद में इसे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता वाली जीएसटी काउंसिल के पास भेजा जाएगा। काउंसिल में राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल हैं।
जीएसटी दर को बांटने की सिफारिश
सूत्रों ने कहा है कि जीओएम द्वारा दरों को तर्कसंगत बनाने पर अभी कोई विचार नहीं किया गया है। दरअसल, कुछ इकोनॉमिस्ट का मानना है कि जीएसटी की पांच प्रतिशत की दर को तीन और आठ प्रतिशत में बांट दिया जाए और बाकी की तीन दरों 12, 18, 28 को यथावत रखा जाए।
दरों में बदलाव करना एक राजनीतिक मुद्दा
हालांकि दरों को तर्कसंगत बनाने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। सूत्रों ने कहा है कि दरों में बदलाव एक राजनीतिक मुद्दा है और जब जीएसटी परिषद इस पर विचार करेगी तो इसका असर दिखाई पड़ेगा।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री हैं मंत्रिसमूह के प्रमुख
सात सदस्यीय मंत्रि समूह का नेतृत्व कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज एस बोम्मई कर रहे हैं। इस समूह में पश्चिम बंगाल, केरल, गोवा, बिहार, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के वित्त मंत्री शामिल हैं। एक सूत्र ने समाचार एजेंसी को बताया कि इन मंत्रियों की अगले महीने बैठक हो सकती है। बैठक की तारीख अभी तय नहीं है लेकिन इसके मई के मध्य में होने की उम्मीद है।
महंगाई दर पर है मंत्रीसमूह की नजर
सूत्र के मुताबिक तेल की कीमतें बढ़ने से महंगाई दर में बढ़ोतरी हुई है। इस पर मंत्रिसमूह की नजर है। अभी GST में चार स्तरीय संरचना है। यानि 5 फीसद, 12 फीसद, 18 फीसद और 28 फीसद की दर शामिल है। वहीं कुछ उत्पादों पर विशेष दरें लागू हैं।