ई रिक्शा और ऑटो चालकों पर टूटा पुलिस का क़हर

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अनलॉक-1 में सड़कों पर निकना पड़ा भारी, सैकड़ो वाहन पुलिस के कब्जे में
जिलाधिकारी के आदेश का हरहाल में कराया जाएगा पालन : एसपी ट्रैफिक
मनव्वर रिज़वी
गोरखपुर । बड़े उद्योगों और उद्यमियों को लाखों करोड़ो रुपये का ऋण और अनुदान देने वाली सरकार का एक और दावा है कि उसने प्रवासी मजदूरों, कामगारों और प्रतिदिन रोजी-रोटी का जुगाड़ करने वालों के लिए राहत पिटारा खोल रखा है।
लेकिन दूसरी तरफ गोरखपुर का नज़ारा कुछ और ही है। यहां ठेले वाले, पटरी पर और छोटा व्यवसाय करने वाले पुलिस की घुड़की और सख्ती के बीच रोटी तलाश रहें है।
वहीं ई रिक्शा और ऑटो चालक भी इससे अछूते नही हैं। शहर के कई थानों की स्थिति यह है कि वहां बैट्री चालित ई रिक्शा और ऑटो की लंबी कतार लग गई है। इन ई रिक्शा और ऑटो चालकों को थाने के सिपाही और दरोगा जी अपराधियों की तरह पकड़ कर थाने ला रहे हैं।
इनका कसूर सिर्फ इतना है कि महीनों बाद अपने परिवार के लिए दो रोटी का इंतेजाम करने के लिए ये अपने घरों से सड़कों पर निकले हैं।
जिम्मेदार अधिकारियों ने इनके लिए न कोई गाइडलाइन जारी किया और न ही लॉक डाउन के दौरान कोई इनका पुरसाने हाल था।
इस सम्बन्ध में एसपी ट्रैफिक आदित्य प्रकाश वर्मा ने बताया कि जिलाधिकारी के आदेशों का हरहाल में पालन कराया जाएगा। रही बात थानों की तो एमबी एक्ट में उन्हें भी कार्यवाही करने का अधिकार है।
बहरहाल थाने के सामने जमा इन ई रिक्शा और ऑटो चालकों के चेहरे पर हवाईयां उड़ रही हैं क्योंकि इन्हें पता है कि अब इनके रोजगार के साधन या तो थाने पर तैनात कर्मियों के लिए रोजगार का साधन बनेंगे या फिर सरकारी चालान का चाबुक लॉक डाउन के दौरान तंगहाली से सूख चुकी इनके जिस्म की चमड़ी को उधेड़ देगा।
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