9,122 करोड़ रुपए लौटाने का फ्रैंकलिन टेंपल्टन के निवेशकों को आदेश

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मुंबई: (Mumbai) सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court)  ने फ्रैंकलिन टेंपल्टन म्यूचुअल फंड  (Franklin Templeton Mutual Fund ) से कहा है कि वह निवेशकों के 9,122 करोड़ रुपए वापस लौटाए। यह पैसा 20 दिन के अंदर निवेशकों को मिलना चाहिए। यह पैसा 6 डेट स्कीम के यूनिट धारकों को मिलेगा।

बता दें कि इन स्कीम्स को पिछले साल अप्रैल  (April) में फ्रैंकलिन टेंपल्टन (Franklin Templeton) ने अचानक बंद कर दिया था।फ्रैंकलिन टेंपल्टन  (Franklin Templeton) ने बांड बाजार में पैसों की कमी की वजह से इस स्कीम को बंद किया था।सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा है कि देश की सबसे बड़ी म्यूचुअल फंड  (mutual fund ) कंपनी SBI  म्यूचुअल फंड (mutual fund)  इस रकम को देने के मामले को देखेगी।

20 दिन का पहला दिन मंगलवार  (Tuesday) से ही माना जाएगा। इससे पहले फ्रैंकलिन टेंपल्टन म्यूचुअल फंड ने  (Franklin Templeton Mutual Fund ) अपने निवेशकों से कहा था कि वह बंद स्कीम्स से 14,931 करोड़ रुपए मैच्योरिटी पर पाई है। फ्रैंकलिन टेंपल्टन  (Franklin Templeton ) ने जिन स्कीम को बंद किया था उसमें अल्ट्रा शॉर्ट बांड फँड, (Ultra short bond fund) इंडिया लोन ड्यूरेशन फंड, (India Loan Duration Fund) इंडिया डायनॉमिक अक्रूअल फंड, (India Dynamic Accrural Fund)  इंडिया क्रेडिट रिस्क फंड (India Credit Risk Fund)  और इंडिया शॉर्ट टर्म इनकम (India short term income) प्लान था।

कंपनी के कुल असेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) में इनका हिस्सा 65%, 53%, 41%, 27% और 11% था। AUM उसे कहते हैं जो म्यूचुअल फँड (Mutual fund) कंपनियां निवेशकों से पैसे लेकर उसको निवेश करती हैं। बता दें कि फ्रैंकलिन टेंपल्टन  (Franklin Templeton ) का (AUM) 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा था। पर हाल के दिनों में इसका (AUM) 80 हजार करोड़ रुपए हो गया है। 6 बंद स्कीम का कुल (AUM) 28 हजार करोड़ रुपए था। कंपनी ने जब बंद किया था, तब काफी सारे निवेशकों ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट  (Supreme Court ) सहित अन्य कोर्ट में याचिका दायर किया था।

दूसरी ओर चेन्नई फाइनेंशियल एसोसिएशन  (Chennai Financial Association )ने कहा है कि फ्रैंकलिन टेंपल्टन  (Franklin Templeton ) के रास्ते पर 10 म्यूचुअल फंड हाउस  (Mutual Fund House ) हैं। इनकी कई स्कीम डिफॉल्ट कर सकती हैं। अगर ऐसा हुआ तो इससे फंड इंडस्ट्री (Fund industry) को 15 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है।

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