गांधी भवन में मनाई गई भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व चंद्रशेखर की जयंती

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Former Prime Minister Sw Chandra Shekhar's birth anniversary celebrated in Gandhi Bhavan
अवधनामा संवाददाता
बाराबंकी। (Barabanki) ‘तन खादी, जय आजादी’ के उद्घोष के साथ आज भूतपूर्व प्रधानमंत्री स्व चंद्रशेखर जी की जयंती गांधी भवन में मनाई गई। इस मौके पर सोशल डिस्टेंसिंग का पूर्णतया पालन करते हुए जननायक पूर्व प्रधानमंत्री स्व चन्द्रशेखर के चित्र पर माल्यार्पण कर उनके विचारों का अनुसरण किया गया।
जयन्ती पर आयोजित संगोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे समाजवादी चिंतक राजनाथ शर्मा ने कहा कि देश को खादी से जोड़ने के लिए चंद्रशेखर सरीखे जननेताओं से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है। चंद्रशेखर जी आजीवन खादी पहनते थे। उन्होंने लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करके देश की जनता को आत्मनिर्भरता से जोड़ा। चंद्रशेखर जी गांधी और नरेंद्र देव के विचारों से प्रभावित थे। चंद्रशेखर जी संसद में हमेशा अर्थपूर्ण बातचीत और स्थापित परंपराओं के हिमायती रहे। वह हमेशा जनता से जुड़े और आम लोगों की भलाई चाहने वाले राजनेता थे। संसदीय जीवन में रहते हुए दिशाहीन बहस को तार्किक रूप देने में चंद्रशेखर का कोई सानी नहीं था।
श्री शर्मा ने बताया कि मुझे चंद्रशेखर जी के साथ काम करने का सौभाग्य मिला। वह युवा तुर्क के रूप में हर शख्स के दिलों पर राज करने वाले जननेता थे। स्व चंद्रशेखर भारतीय राजनीति के पुरोधा ही नहीं बल्कि समाजवादी आंदोलन के योद्धा भी थे। सन् 1973-75 के राजनीतिक उथल पुथल के दौर में जयप्रकाश नारायण से काफी प्रभावित थे और कांग्रेस में रहते हुए भी वे पार्टी की नीतियों के प्रबल आलोचक बन गए थे। जिस कारण आपातकाल लागू होने के बाद उन्हें मीसा के तहत गिरफ्तार कर लिया गया। जबकि वह कांग्रेस के केंद्रीय निर्वाचन और कार्यकारी समिति के सदस्य थे। वह सत्तारूढ़ दल के गिरफ्तार होने वाले चंद नेताओं में से एक थे।
प्रसपा नेता धनंजय शर्मा ने कहा कि सांसद के रूप में चंद्रशेखर जी ने शोषित और वांछित तबके की आवाज को उठाया और सामाजिक बदलाव की नीतियों को प्राथमिकता दी। उसूलों और आदर्श को लेकर चंद्रशेखर जी ने अपनी ही पार्टी और सरकार से टकराव मोल लेने में भी परहेज नहीं किया। वह राजनीति में विचारधारा और आदर्शवाद को महत्व देते थे। चंद्रशेखर जी ने धर्मनिरपेक्ष और समाजवादी राजनेता के रूप में अपनी अलग पहचान बनाई।
समाजसेवी विनय कुमार सिंह ने कहा कि स्व चन्द्रशेखर एक गरीब किसान के बेटे थे। जिन्होंने अपनी योग्यता, कार्य क्षमता और दृढ इच्छा शक्ति से देश का प्रतिनिधित्व प्रधानमंत्री के तौर पर किया। उन्होंने हमेशा शक्ति और पैसे की राजनीति को दरकिनार करके सामाजिक बदलाव और लोकतांत्रिक मूल्यों की राजनीति पर जोर दिया।
इस मौके पर संगोष्ठी का संचालन पाटेश्वरी प्रसाद ने किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से मृत्युंजय शर्मा, नीरज दूबे, सत्यवान वर्मा, संजय सिंह, रंजय शर्मा, शिवा शर्मा, हुमायूं नईम खान, समाजसेवी अशोक शुक्ला, विजय कुमार सिंह सहित कई लोग मौजूद रहे।
फोटो नं4
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