हिमाचल प्रदेश के पांच जिलों में फ्लैश फ्लड का अलर्ट

0
90

हिमाचल प्रदेश में मानसून के कड़े तेवर जारी हैं। राज्य के विभिन्न भागों में बादल बरस रहे हैं। कांगड़ा, कुल्लू, मंडी, ऊना, हमीरपुर, बिलासपुर और चम्बा जिलों में शुक्रवार सुबह से वर्षा हो रही है। शिमला और सोलन में बादल छाए हैं। बीती रात कुछ स्थानों पर जोरदार बारिश हुई है। मौसम विज्ञान विभाग ने अगले 24 घण्टे भी कहीं-कहीं भारी वर्षा की चेतावनी दी है। साथ ही पांच जिलों में फ्लैश फ्लड का खतरा जताया है। यह जिले शिमला, सिरमौर, सोलन, मंडी और बिलासपुर हैं। इन जिलों में फ्लैश फ्लड का येलो अलर्ट जारी किया है। विभाग ने इन जिलों में लोगों को शनिवार तक सचेत रहने और घरों से बाहर निकलने पर एहतियात बरतने की सलाह दी गई है। लोगों को भूस्खलन संभावित इलाकों की यात्रा न करने और नदी-नालों से दूर रहने की हिदायत दी गई है। आगामी 12 सितंबर तक राज्य में मौसम के खराब बने रहने के आसार हैं।

मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक गुरुवार शाम से शुक्रवार सुबह तक बिलासपुर जिला के नैना देवी में सर्वाधिक 158 मिलीमीटर वर्षा रिकार्ड हुई है। इसके अलावा ओलिंडा में 69, देहरा गोपीपुर में 64, आरएल बीबीएमबी में 57, धर्मशाला में 55 और पालमपुर में 32 मिमी वर्षा हुई। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार शुक्रवार सुबह तक राज्य में भूस्खलन से 40 सड़कें अवरुद्ध रहीं। मंडी जिला में 16, कांगड़ा में 10, शिमला में नौ, और कुल्लू में दो सड़कें बंद हैं। इसके अलावा चम्बा में 26 और कुल्लु में छह ट्रांसफार्मर भी खराब पड़े हैं।

हिमाचल प्रदेश में मानसून ने 27 जून को दस्तक दी थी। पिछले 71 दिनों में मानसून ने भारी तबाही मचाई है। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र की रिपोर्ट के मुताबिक इस अवधि में प्रदेश भर में चल व अचल सम्पति को 1330 करोड़ का नुकसान आंका गया है। सड़कों व पुलों के क्षतिग्रस्त होने से लोकनिर्माण विभाग को 617 करोड़ की क्षति हुई, जबकि जलशक्ति विभाग को 507 करोड़ का नुकसान हुआ। इस दौरान 180 घर, 58 दुकानें और 482 पशुशालाएँ पूरी तरह ध्वस्त हो गईं, जबकि 510 घर आंशिक तौर पर क्षतिग्रस्त हुए।

मानसून के दौरान वर्षा जनित हादसों में 285 लोग मारे गए और 30 लापता हैं। जबकि 441 लोग घायल हुए हैं। मानसूनी हादसों में 322 मवेशियों की भी जान ली है।

मानसून सीजन के 71 दिनों में 91 जगह बादल फटने, बाढ़ व भूस्खलन की घटनाएं हुईं। इनमें बादल फटने व बाढ़ की 51 और भूस्खलन की 41 घटनाएं शामिल हैं। 31 जुलाई की मध्यरात्रि शिमला, कुल्लू और मंडी जिलों में बादल फटने से भारी तबाही हुई थी। बाढ़ ने शिमला जिला के समेज गांव का नामोनिशान मिटा दिया था। गांव के 36 लोग लापता हो गए थे। दहला देने वाले इस हादसे में 21 के शव बरामद कर लिए गए हैं और 15 अभी भी लापता हैं।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here