एस. एन. वर्मा
लखनऊ में पहली बार हो रहे विश्व क्रिकेट कप की धूम और उत्साह लखनऊ में देखने लायक थी। बेगानी शादी में अब्दुल्ला दिवाना जैसे स्थिति थी। खेल के स्प्रिट के लिहाज से यह सर्व भौमिकता बहुत अच्छी बात है। मैच साऊथ आफ्रीका और आस्ट्रलिया के बीच था। लेकिन दर्शकों की भीड़ देख लग रहा था। यह भारतीय टीम का मैच है।
इकाना स्टेडियम विश्व के बेहतरीन स्टेडियम में शुमार होता है और शहर कें गौरव में चार चांद लगाता है। स्टेडियम के मैदान के कुछ समय पहले बीसीसीआई के निर्देशन में नये सिरे से सवारा गया था। इस काम को लिये नये पिच क्यूरेटर की नियुक्ति हुई। तीन महीने तक कड़ी मेहनत के उपरान्त इच्छित पिच तैयार हुई। परीक्षण के लिये सितम्बर में यूपीसीए की ओर से मैच कराया गया था। 40 ओवर के मैच में टीमो ने स्कोर को 250 के ऊपर तक पहुचा दिया। पर पिच की असली परीक्षा इन्टरनेशनल मैच से होनी थी। जिससे पिच की सही स्थिति सामने आये। विश्वकप के दस्वें मुकाबले में पिच ने आशा के अनुरूप नतीजे दिखेगे। 11 नवम्बर 2010 में वेस्ट इन्डिज ने अफगानिस्तान के खिलाफ पांच वीकेट पर 253 रन बनाये थे।
विदेशी खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाने के लिये भारी भीड़ भी इकाना स्टेडियम आई थी। दर्शकों ने चौके और छक्के पर जोश बढ़ाने वाली तालियां बजाई। भारतीयों की तालियां सुन लग रहा था। जैसे भारत खेल रहा है।
भीड़ का यह आलम था कि दोपहर से पहले लोग स्टेडियम पहुंचने लगे। टिकट लेकर प्रवेश गेट पर दोपहर से ही खड़े हो गये। हालाकि मैच दिनरात का था। स्टेडियम के बाहर भारी उत्साह छलक रहा था। मैच देखने आये विदेशी भारतीयों का यह उत्साह देख कर आश्चर्य चकित थे, खुश भी थे। भारतीय विदेशी खिलाड़ी मिलकर खूब फोटो और सेल्फी का सेशन कर रहे थे। भारतीयों के उत्साह में बहकर एक विदेशी दर्शक भारतीयों के साथ मिल कर भारत माता की जय, वन्दे मातरम और जय श्री राम का नारे लगाते भी दिखे। जैसे उन्होंने भारतीय गैर भारतीय के बटवारे को भूलकर विश्वबन्धुत्व पर उतर आये हो और मोदी जी के नारे की सत्यता दिखा रहे हो कि विश्व एक परिवार है। देशी विदेशी भाव गौण है। एकने तो एक बच्चे को कन्धे पर बिठा कर खूब मस्ती दिखाई। शाम होते होते दर्शको की संख्या अचानक बढ़ गई। स्टेडियम में वन्देमातरम का शोर बड़े जोर शोर से गंूज रहे थे।
आईपीएल के दौरान इकाना पिच को लेकर धीमी कह कर खूब आलोचना हुई है। लेकिन अटल बिहारी इकाना स्टेडियम पिच का सुधार के बाद धीमी पिच की अशंका दूर हो गई क्योकि खूब जमकर रन बरसे दक्षिण अफ्रीका ने आस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले बल्लेबाजी करते हुये उसे 311 रनो का लक्ष्य दिया। आस्टेªलिया की टीम मजबूत टीमों में शुमार होती है, साउथ अफ्रीका का भी खेलो में अलग रूतबा है। दोनो की प्रतिस्पर्धा देख शहर खुशी से झूम रहा था। इतना उत्साह कभी कमी ही दिखता है। वैसे आजकल क्रिकेट की दिवानगी सबसे ऊपर है।
चेहरे पर झन्डा बनाने वालो का भी जैसे आपस में मैच हो रहा था। होड़ लगी हुई थी। मैच से आवाजाही में बाधा न पैदा हो व्यवस्था को डाइवर्ट किया गया था।
दक्षिण अफ्रीका टीम आस्टेªलिया पर इतनी भारी पड़ी कि 311 रनों के जवाब में आस्टेªलिया 134 रनों पर ढेर हो गई। यह है क्रिकेट का अपना आकर्षण। आखिरी बाल के पहले नतीजा नही निकाला जा सकता है।