अवधनामा संवाददाता
शौचालय की धनराशि होगी वसूली, परसौनी गांव में डीएम ने लगाई चौपाल
वरासत और पैमाईश की शिकायत मिलने पर लेखपाल पर विभागीय कार्यवाही का निर्देश
कुशीनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा ने शुक्रवार को विकास खंड फाजिलनगर के गांव परसौनी में शौचालय की शिकायत मिलने पर औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पंचायत भवन में प्रधान कक्ष, सचिव कक्ष व मीटिंग हॉल का निरीक्षण कर साफ सफाई एवं टूटी खिड़कियों को दुरुस्त कराने तथा विगत महीने से अनुपस्थित पंचायत सहायक की सेवा समाप्त करने हेतु संबंधित को निर्देशित किया।
जिलाधिकारी ने पंचायत भवन पर तत्काल चौपाल का आयोजन कर ग्रामवासियों की आम समस्याओं यथा वरासत, चकमार्ग, नाली की पैमाइश, अंत्योदय तथा पात्र गृहस्ती राशन कार्ड में नाम कटने व जोड़े जाने, खाद्यान्न वितरण, आवास योजना के संबंध में वार्ता कर ग्रामवासियों से जानकारी ली। इसी क्रम में ग्रामवासियों के बीच पेंशनरों की सूची पढ़कर सुनाई गई। जिलाधिकारी द्वारा वृद्धा, विधवा एवं दिव्यांग पेंशनर की सूची को पंचायत भवन पर चस्पा करने, कैंप लगाकर पात्र पेंशनरों के आवेदन कराने हेतु बीडीओ फाजिलनगर को निर्देशित किया। वरासत और चकमार्ग व नाली पैमाईश की शिकायत मिलने पर तत्काल जिलाधिकारी ने लेखपाल पर विभागीय कार्यवाही करने हेतु उपजिलाधिकारी कसया को निर्देशित किया तथा अंत्योदय एवं पात्र गृहस्ती कार्डो में पात्र व्यक्तियों का नाम सूची में नोट कर जोड़े जाने हेतु ग्राम सचिव को, ग्राम सभा में चकमार्ग एवं नाली की शिकायतों को नोट कर निस्तारण करने हेतु उपजिलाधिकारी कसया को तथा आवासों से संबंधित प्रकरणों की जांच कर निस्तारण हेतु परियोजना निदेशक( ग्राम्य विकास अभिकरण) और जिला पंचायती राज अधिकारी को निर्देशित किया। शौचालय की शिकायतें बार बार मिलने पर तथा अन्य अधिकारियों के द्वारा लापरवाही बरते जाने पर जिलाधिकारी ने स्वयं ग्राम परसौनी में उपस्थित होकर निरीक्षण किया। उन्होंने उपस्थित ग्राम वासियों से वार्ता कर शौचालयों की वर्तमान स्थिति के बारे में जाना।
353 शौचालय के सापेक्ष 137 शौचालय निर्माण पाया
जांच अधिकारी अपर जिला कृषि अधिकारी ने बताया की वर्तमान मैं 353 शौचालय के सापेक्ष 137 शौचालय का निर्माण नहीं हुआ है तथा शेष निर्माणाधीन अवस्था में है जिस पर जिलाधिकारी ने निर्माणाधीन शौचालय की सूची अलग बनाकर समक्ष प्रस्तुत करने हेतु तथा किस्त भुगतान होने के पश्चात शौचालय का निर्माण न करने पर पूर्व प्रधान, सचिव तथा अन्य संबंधित की जिम्मेदारी तय करते हुए वसूली कराने तथा एफ०आई०आर० कराने हेतु जिला पंचायती राज अधिकारी को निर्देशित किया। उन्होंने कहा कि निर्माणाधीन शौचालय की गुणवत्ता अच्छी और मानक के अनुरूप हो। जिलाधिकारी ने ग्रामीणों से अन्य फसलों के उपज के बारे में जानकारी लिया।