फीफा वर्ल्ड कप

0
79

एस.एन.वर्मा

फुटबाल का फीफा वर्ल्ड कप 20 नवम्बर से शुरू हो गया। यह इस साल आल टाइम ग्रेट फुटबालर मेसी के लिये अहम हो गया। इसलिये कि इसके बाद मेसी खेल को अलविदा कह देगे। अर्जेन्टीना को उम्मीद है मेसी यह कप दिला कर अपनी महानता अर्जेन्टीना के प्रेम पर मोहर लगायेगे। मेसी पर इस समय बड़ा दबाव रहेगा। पर उनका उनका स्वभाव है शान्त और स्थिर बने रहना स्थायी स्वभाव है उनका हलचलों को दबाये हुये शान्त बने रहने का है।
मेसी के अखिरी टूर्नामेन्ट के समय 2014 का फीफा वर्ल्ड कप याद आता है। उस प्रतियोगिता मेें जर्मीनी ने कप पर कब्जा पाया था पर सबसे अच्छे खिलाड़ी का खिताब मेसी को मिला था। पर उनके चेहरे पर इस खिताब का रंचमात्र भी असर नहीं दिख रहा था। मेसी जीत की आतिशबाजी केे चकाचौध से होते मैदान को छोड़कर गर्दन झुकाये, पसीना और आंसू एक साथ पोछते हुये हाथ में सबसे अच्छे खिलाड़ी की ट्राफी गोल्डेंन बाल लटकाये हुये ड्रोसिंगरूम में जा कर घड़ाम से बैठ गये और फूटफूट कर रोने लगे। गोल्डेन बाल ट्राफी को अपने सबसे नज़दीकी दोस्त की तरफ फेकते हुये कहा लो इसका जो चाहो वह करना। उनका दोस्त आज तक वह ट्राफी सजोये हुये है। दोस्त का कहना है मेसी कभी भी वह ट्राफी मांगते है तो मै दे सकू इसलिये रक्खे हुये हॅू। हालाकि मेसी ने कभी उस ट्राफी के बारे में पूछा नही। मेसी की सबसे बड़े खूबी है गम्भीर से गम्भीर हालात में भी फील्ड पर दिमागी सन्तुलन बनाये रखते है। भावनाओं को हाबी नही होने देते है।
पिछले साल जब कोपा कप जीता और वही जीता जहां 2014 में जर्मनी से हारे थे तो यहां ब्राजील को हराया था तो पूछा गया अब 2014 की हार को भूल गये होगे। उनका जवाब था नही कभी नही भूलूगा। उनका कहना है उस मैच में हमारे लिये बेहतर मौके थे कई अच्छे मौके थे पर हम उसका फायदा नही उठा पाये, हमने बहुत सी गल्तियां की। 2014 की हार उनके दिमाग में हमेशा धूमती रहती है चाहे कितने भी खुशी का मौका हो। उनका कहना है हमें गोल्डेन बाल की कोई फिक्र नही रहती है पर वह रात मेरे लिये बहुत भयंकर थी। भूलती नही है।
मेसी ने जर्मनी वाले मैच को कभी भी टीवी वगैरह पर नही देखा। एक साक्षात्कार के समय उस मैच का फुटेज उनको दिखाया गया तो उन्होंने आंखे फेर ली। टेलीविजन की तरफ एक बार भी नही देखा। साक्षात्कार में कहा मेरी समझ में नही आ रहा है मै क्या कहूूं। तरस आता है। मुझे लगता है खेल में हमारे लिये अच्छे मौके थे पूरी जिन्दगीे पछतावा रहेगा बेहतर मौके खो देने का हम उन मौका को भुना नही पाये। अब यह टूर्नामन्ट जो उनके लिये आखिरी टूर्नामेन्ट है फिर वह दोबारा फील्ड पर नही दिखेगे। यह आखिरी मौका है उन्हें अपना महानता साबित करने का और अजेन्टीना के प्रति अपना अगाघ प्रेम दिखाने का सारे दर्शकों, समीक्षकों, प्रेस की आंखेे मेसी पर टिकी होगी। वह मराडोना की बराबरी करपाते है यां नहीं।
स्कोलनी के प्रबन्धन में इस समय मेसी खेल रहे है। मेसी ने जो कुछ सीखा जहां से उनके खेल में निखार आया और मरडेवना के टक्कर में महान फुटबालर बने वह लामासिया अकेडमी है। इस कलेन्डर साल में मेसी ने 43 गेम में 27 गोल किये। लायनेल स्कोंलनी के मैनेजरशिप में 36 गेम में से 25 बार गोल दागे। अगर मेसी इस टूर्नामेन्ट में तीन गोल कर लेते है तो वर्ल्ड कप में मेरडोना के आठ बार के वर्ल्ड कप रेकार्ड को तोड़ देगे।
उनके पूर्व कोच सैमपाओली मजाक में कहते है मेसी केसर पर हमेशा रिवाल्वर तना रहना है हर जगह वह लाजवाब निकलेगे। मेसी के सहयोगी मशचरानो कहते है मेसी को सेन्ट्रल डिफेन्डर बना दो वह दुनियां के अद्वीतीय खिलाड़ी दिखेगे। मेसी ने कहा जगहों से खेला है पर मुख्यतः वह सेकेन्ड स्ट्राइकर के स्थान से खेले है।
मेसी टूर्नामेन्ट को लेकर आगाह करते है वर्ल्डकप बहुत मुशकिल होता है। जीतने के लिये बहुत सी बातो की जरूरत होती है। यह बहुत सी टीम में है जो हमारी तरह ही चाहती है और अच्छा खेल भी रही है। हम बेताब है खेलने के लिये, हम लड़ने को तैयार है। हमें किसी से डर नही है। क्योंकि हम हर किसी के खिलाफ खेलने को तैयार है। पर शान्त दिमाग के साथ भिड़ना है। अगर मेसी की टीम जीतती है तो दोहा की रात वह खुशनुमा रात होगी जो शायद जर्मनी हार को भुला दे।
अखबार की शुभकामना है मेसी कामयाब हो। यह वर्ल्डकप उनकी झोली में आये और उनका अर्जेन्टीना का प्रेम सफल हो। यद्यपि बचपना स्वेन में गुजरा है। पर 13-14 के उम्र में स्पेन छोड़ दिया था।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here