अवधनामा संवाददाता
आज़मगढ।़ फादर्स डे के अवसर पर वेदान्ता इंटरनेशनल स्कूल मेंआन लाइन पोस्टर, पोयम, स्लोगन का किया गया आयोजन जिसमें बच्चों ने बेमतलब की दुनिया में वो हमारी शान है,किसी शख्स के वजूद की श् पिताश् ही पहली पहचान है। इसी को आत्मसात करते हुवे बच्चों ने पोस्टर, स्लोगन, भाषण और निबन्ध के रूप में अपने अपने पिता के भावों को अभिव्यक्त किया। बच्चों ने अपने जीवन में पिता के महत्व को दर्शाते हुवे बताया कि पिता के बिना जीवन बेकार है,पिता हमारे लिए सबसे ख़ास इंसान होते हैं। पापा बाहर से जितने सख्त रहते है अन्दर से उतने ही नरम। पापा पूरे घर का बोझ अपने कंधो पर उठाते हैं और माथे पर एक शिकन तक नहीं आने देते। वो हमारी सारी इच्छाये पूरी करते हैं चाहे उनकी अपनी इच्छा पूरी हो या न हो।
इसी भाव को आत्मसात करते हुए वेदान्त इंटरनैशनल स्कूल के बच्चों ने सोशल मीडिया का सहारा लेते हुए अपनी अपनी विडियोज, पोस्टर, ड्राइंग, पोएम्स एवम् विचारों को शेयर किए जो बरबस मन को उद्वेलित एवम् अपने उन बिताए हुए लम्हों की ओर ले जाती है जिससे हम, आप सभी अछूते नहीं हैं। निश्चित ही मन बच्चों द्वारा भेजी गईं अपने भावों – विचारों को देखर एक पंक्ति याद आती है कि – ष्पिता रोटी है ,कपड़ा है , मकान है, पिता नन्हे से परिन्दे का बड़ा आसमान है। पिता है तो हर घर मे हर पल राग है, पिता से माँ की चूड़ी है बिन्दी है सुहाग है। पिता है तो बच्चों के सारे सपने है, पिता है तो बाज़ार में सारे खिलौने अपने है।
बच्चों के द्वारा प्रस्तुत किए गए भावों का सराहना करते हुए विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक शिव गोविंद सिंह ने बच्चों व अभिभावकों को साधुवाद दिया और कहा कि संस्कार सरकार नहीं परिवार देता है। अतः संस्कार विहीन शिक्षा का कोई अस्तित्व ही नहीं है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में विद्यालय के प्रधानाचार्य, एकेडमिक डायरेक्टर आर एस शर्मा सहित सभी शिक्षक तथा शिक्षिकाओं का विशेष योगदान रहा जिन्होंने छुट्टियों के बावजूद इस कार्यक्रम को सफल बनाया।