अवधनामा संवाददाता
आजमगढ़ (Azamgarh) । कृषि मंत्री, सूर्य प्रताप शाही की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी 2021 की वर्चुअल बैठक आयोजित की गयी। बैठक में कृषि राज्य मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव कृषि, प्रमुख सचिव मत्स्य, पशुपालन, प्रमुख सचिव उद्यान तथा सिंचाई, विद्युत के साथ ही सभी मण्डलों के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से जुड़े।
कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में भी गेहुॅ एवं धान का रिकार्ड उत्पादन किया है। दाल एवं तिलहन में भी निरन्तर उत्पादकता वृद्धि हो रही है। किसानों ने खाद्यान्न उत्पादन मे प्रदेश को मजबूत किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत किसानों के खाते में धनराशि उपलब्ध करायी है।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देशन में रिकार्ड उत्पादन को बढ़ाना है। उन्होने कहा कि किसान भाई तकनीकी एवं शंकर बीजों के द्वारा उत्पादन को बढ़ायें। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्याप्त बीज एवं यूरिया, डीएपी की व्यवस्था की है। उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों में उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि डीएपी पुराने रेट पर ही उपलब्ध है। डीएपी की बोरियों पर मोटे अक्षरों में रेट प्रिंट करायें, ताकि किसी भी किसान को परेशानी न हो।
कृषि मंत्री ने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी जिलों में 15 दिन के अन्दर किटनाशक एवं अन्य दवाओं को उपलब्ध करा दिया जाए। उन्होने कहा कि कृषि यंत्रों का अनुदान दे दिया जाए तथा कृषि यंत्रों की व्यवस्था को तत्काल ठीक कर लें।
कृषि मंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों के बीज बुन्देलखण्ड के जनपद एवं जहॉ से डिमाण्ड आयें, उसे तत्काल उपलब्ध करा दिये जायें। उन्होने कहा कि खेत की मेड़ों पर दलहन एवं तिलहन की खेती को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होने कहा कि जिला स्तर पर फसलों पर जो रणनीती बनायी जाये, उसमें तिलहन एवं दलहन का विशेष प्लान बनायें। उन्होने कहा कि नदियों के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाय। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर दिये गये सुझावों को समेकित कर समस्या का समाधान किया जायेगा।
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को कृषि राज्य मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव कृषि एवं अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव एवं निदेशक ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के सभी मण्डलों के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों ने भी अपने जिले की कृषि से संबंधित समस्याओं एवं आवश्यकताओं के बारे में अवगत कराया।
जिलाधिकारी आजमगढ़ राजेश कुमार ने बैठक में अवगत कराया कि जनपद में बीजों एवं उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होने कहा कि कृषि विभाग में अधिकारियों की कमी है। उन्होने कहा कि जनपद आजमगढ़ का क्षेत्र बड़ा होने के दृष्टिगत यहॉ पर अधिकारी की पोस्टिंग की जाए, जिससे विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन मे परेशानी न हो।
कृषि मंत्री श्री सूर्य प्रताप शाही ने खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रदेश के किसानों ने कोविड-19 महामारी के संक्रमण काल में भी गेहुॅ एवं धान का रिकार्ड उत्पादन किया है। दाल एवं तिलहन में भी निरन्तर उत्पादकता वृद्धि हो रही है। किसानों ने खाद्यान्न उत्पादन मे प्रदेश को मजबूत किया। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अन्तर्गत किसानों के खाते में धनराशि उपलब्ध करायी है।
कृषि मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री जी के दिशा निर्देशन में रिकार्ड उत्पादन को बढ़ाना है। उन्होने कहा कि किसान भाई तकनीकी एवं शंकर बीजों के द्वारा उत्पादन को बढ़ायें। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने पर्याप्त बीज एवं यूरिया, डीएपी की व्यवस्था की है। उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड एवं विन्ध्य क्षेत्रों में उत्पादन क्षेत्र में वृद्धि हुई है। उन्होने कहा कि डीएपी पुराने रेट पर ही उपलब्ध है। डीएपी की बोरियों पर मोटे अक्षरों में रेट प्रिंट करायें, ताकि किसी भी किसान को परेशानी न हो।
कृषि मंत्री ने समस्त अधिकारियों को निर्देश दिये कि सभी जिलों में 15 दिन के अन्दर किटनाशक एवं अन्य दवाओं को उपलब्ध करा दिया जाए। उन्होने कहा कि कृषि यंत्रों का अनुदान दे दिया जाए तथा कृषि यंत्रों की व्यवस्था को तत्काल ठीक कर लें।
कृषि मंत्री ने कहा कि मोटे अनाजों के बीज बुन्देलखण्ड के जनपद एवं जहॉ से डिमाण्ड आयें, उसे तत्काल उपलब्ध करा दिये जायें। उन्होने कहा कि खेत की मेड़ों पर दलहन एवं तिलहन की खेती को प्रोत्साहित किया जाए। उन्होने कहा कि जिला स्तर पर फसलों पर जो रणनीती बनायी जाये, उसमें तिलहन एवं दलहन का विशेष प्लान बनायें। उन्होने कहा कि नदियों के किनारे जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाय। कृषि मंत्री ने कहा कि राज्य स्तर पर दिये गये सुझावों को समेकित कर समस्या का समाधान किया जायेगा।
राज्य स्तरीय खरीफ उत्पादकता गोष्ठी को कृषि राज्य मंत्री, कृषि उत्पादन आयुक्त, अपर मुख्य सचिव कृषि एवं अन्य संबंधित विभागों के प्रमुख सचिव एवं निदेशक ने भी सम्बोधित किया। इस अवसर पर प्रदेश के सभी मण्डलों के मण्डलायुक्त एवं जिलाधिकारियों ने भी अपने जिले की कृषि से संबंधित समस्याओं एवं आवश्यकताओं के बारे में अवगत कराया।
जिलाधिकारी आजमगढ़ राजेश कुमार ने बैठक में अवगत कराया कि जनपद में बीजों एवं उर्वरकों की पर्याप्त उपलब्धता है। उन्होने कहा कि कृषि विभाग में अधिकारियों की कमी है। उन्होने कहा कि जनपद आजमगढ़ का क्षेत्र बड़ा होने के दृष्टिगत यहॉ पर अधिकारी की पोस्टिंग की जाए, जिससे विभाग की योजनाओं के क्रियान्वयन मे परेशानी न हो।
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