एस एन वर्मा
हर चीज का एक दिन अन्त है। भारत की महिला टेनिस स्टार ने भी गै्रन्ड स्लैम मिक्स्ड मेंलबोर्न में खेलने के बाद टेनिस को अलविदा कह दिया। यह उसने पहले से ही कह दिया था कि यह उसका आखिरी मैच होगा। मेलवार्न में अपने पार्टर रोहन बेपन्ना के साथ मिक्स्ड डबूल खेल रहीं जोडी ब्रजील की लुसिया स्टेफनी और रफेल मटोस की जोड़ी से मैच 6-7 और 2-6 से ग्रैन्ड स्लेम का मिक्स्ड डबल फाइनल हार गई। कुछ खिलाड़ियों का कैरियर इतना शानदार होता है कि लोग उनके हार को भी जीत की तरह लेते है सानियां इसी तरह की खिलाडी है। हार के बाद आंखो में आंसू तो आये पर उन्होंने कहा अगर मैं चीखती हूॅ यह खुशी के आसू है गम के नहीं। सानियां ने कहा अपने गै्रन्ड स्लैम कैरियर का अन्त करने के लिये इससे बढ़ियां स्थान कोई नहीं हो सकता। मैने कभी नहीं सोचा था कि मैं अपने बेटे के सामने गै्रन्ड स्लैम फाइनल खेलूगी। इसलिये यह मेरे लिये खास है।
सानियां ने अपने टीन एज में टेनिस खेलना शुरू किया। एक तो मुस्लिम दूसरे हिन्दुस्तानी महिला उनके टेनिस के खेल और उनके डेªस खासतौर से टेनिस खिलाडी के डेªस को लेकर दकियानुसी आलोचना हुई। पर वह इन सबसे बेपरवाह अपना खेल निखारने में लगी रही। परिवार का उन्हें पूरा सपोर्ट मिलता रहा। उनको खेलते देख, आलोचनाओ से बेपरवाह देख बहुत से लड़कियों ने खेल के दूसरे विघाओं में भाग लेना शुरू किया। उसी का नतीजा है कि खेल के हर विघा में कई नामी लड़कियां है। जिन्होंने राष्ट्रीय और अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर अपना नाम करते हुये आगे बढ़ रही है। सानियां ने पाकिस्तानी क्रिकेटर से शादी की है इसे लेकर भी उनकी आलोचना हुई। पर वे इन सबसे बेपरवाह पति के सहयोग से खेल में नये नये रिकार्ड बनाती रही है। आज दुनियां के चमकती टेनिस खेलाड़ियों में उनका अहम नाम है। इसीलिये वह अच्छी यादें लेकर टेनिस से बिदा हुई।
सानिया की गिनती सफलतम् टेनिस खिलाड़ियों में होती है। हालाकि पुत्र के पेट में आने के बाद और उसकी पैदाइश के बाद खेल से अलग रही। पर दोबारा जब खेले में लौटी तो वही दम खम था। गै्रन्ड स्लैम की टाइटल उनके पास है इसी से उनके खेल की क्वालिटी का अन्दाजा लगाया जा सकता है। आस्टेªलिये ओपन की दोबार की विजेता है। मिक्सड डबल 2009 में महेश भूपति को जोड़ी बनाकर जीता था। महिला डबल्स में मार्टीना हिगिंस के साथ 2016 में जीता था। 36 साल की सानियां ने जब टेनिस को अलविदा कहा तो उनके पीछे उनका शानदार कैरियर जगमगा रहा है। भारत में तो अभी किसी महिला ने यह कमाल नहीं किया है।
छह बार की गे्रन्ड स्लैम मिक्स्ड की चैम्पियन अपने सेमी फाइनल जीत के बाद बताया की वास्तव हमारे पूरे खेल का खास मौका वह है जब 2005 में वह मेलबर्न पार्क में तीसरे दौर में 1-6, 4-6, से हार गई थी। तब वह मात्र 16 साल की थी। अपने खेल का खास अवसर बताती है जब वह 18 साल की थी सेरेना विलियम के साथ खेली थी। हलाकि मैच हार गई थी। पर विलियाम के साथ खेलना उनके यादगार क्षणों में है। सेरेना से खेलने के बाद उनमें विश्वास जगा कि खेल में यहीं पहुचना है और मै भी पहंुचा सकती हॅू और 2005 में मै उस स्थान पर पहुंच गयी। 2005 से उसे अतिरिक्त पे्ररणा मिली। हैदराबाद में उन्होंने डब्लू टी ए जीता। उसके बाद उसी साल उसके बाद 19 साल की सानियां यूएस ओपन खेलने पहुंचीं। आगे भी कई सफलतायें प्राप्त करते हुये पहली भारतीय महिला बनी जो गै्रन्ड स्लैम के दूसरे हफ्ते में रही। चैथे राउन्ड में खो दिया वह स्थान। इससे पहले मेजर सिगल इवेन्ट में 1987 में रमेश कृश्नन नें किया था। 2007 में उनकी रैकिंग दुनियां में 27वें नम्बर थी एकल खेल में डबल खिलाड़ियों में वो हफ्ते 91 नम्बर पर रहीं। उसके बाद सानियां ने 43 डबल उस दौर में जीता था।
इन्स्टग्राम में सोनिया के 10.9 मिलियन फालोवर है। महिलाओं में दुनियां में सबसे ज्यादा कमाने वाली एथलीट नौमी ओसाका के 2.7 मिलियन फालोवर है। सानियां के लोकप्रियता का इससे अन्दाजा लगाया जा सकता है। मिक्सड डबल सेमी फाइनल एस डब्लू 19 उसके लिये खास अवसर था। उसके बाद 2022 में रैकेट छोड़ने का निर्णाय लिया। पर चोट की वजह से ऐसे नहीं कर सकी। शानदार अलविदा के लिये बधाई।