पृथ्वी पर सब कुछ खत्म, भविष्य की आहट यहीं कहीं छुपी है…..

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अवधनामा संवाददाता

सन् 2100 यानी की आज से 77 साल बाद।

रितेश – हलो मम्मी …कैसी हैं आप….. ???

मम्मी:–ठीक हूँ बेटा ..तू बता अभी अमेरिका में धूप निकली की नहीं ??

रितेश:–नहीं मम्मी अभी कहाँ… करीब दो महीने तो हो ही गए…अभी तक अंधेरा ही है और मौसम विभाग ने भविष्यवाणी की है कि अभी एक महीने और सूरज निकलने के आसार नहीं हैं।

मम्मी:- यहाँ भी स्थिति ठीक नहीं है ..पिछले एक महीने से सूरज ढल ही नहीं रहा…85 डिग्री सेल्सियस तापमान बना हुआ है…भयंकर पराबैंगनी किरणे फैली हुई है..कल ही पड़ोस वाले जोशी जी का मांस पिघल कर गिरने लगा था…वो अभी भी I.C.U में भर्ती हैं।

रितेश :–ओह्ह तो क्या उन्होंने अपने घर पे ओजोन कवर नहीं लगा रखा है क्या ???

मम्मी :-घर पर लगवा तो रखा है पर उनकी कार का ओजोन कवर थोड़ा पुराना हो गया था इसलिए… उसमें छेद हो गया और पराबैंगनी किरणे उनकी बॉडी से टच हो गई थी।

रितेश:-अच्छा मम्मी आपने सुना इधर एक बड़ी घटना हो गई। परसों अमेरिका के किसी कस्बे में एक पौधा पाया गया…पूरी दुनिया भर के वैज्ञानिक वहाँ इकठ्ठा हो गए। काफी रिसर्च चल रही आखिर दुनिया में एक वनस्पति दिखाई देना बहुत बड़ी बात है।

मम्मी:-अच्छा बेटा तू टाईम से अपने भोजन के कैप्सूल तो लेता है ना… ??? और हाँ वो पानी वाले कैप्सूल लेना मत भूलना वरना तेरी तबियत खराब हो जाएगी। और टाईम से ऑक्सीजन का कैप्सूल भी लेते रहना बेटा तेरे पापा ने एक बार ऑक्सीजन लेने में लापरवाही कर दी थी, फेफड़े ही बदलवाने पड़ गए…तू तो जानता ही है कि अच्छे वाले फेफड़े कितने महंगे हो गए हैं..।

….आपको शायद यह मजाक लग सकता है पर अपनी आने वाली पीढ़ी को इन परिस्थितियों से बचाना है तो पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभी से जागरूक रहिए, प्रकृति से खिलवाड़ न करें, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाइये और अपने दोस्तों/रिश्तेदारों/सहकर्मियों को भी इसके लिए प्रेरित कीजिए !!

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