बिजली कर्मचारियों ने कहा कि निजीकरण के खिलाफ विरोध लगातार रहेगा जारी

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निजीकरण के विरोध में प्रान्तव्यापी विरोध सभायें हो रही है लगातार
 
निजीकरण के लिए संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर हटाने की कार्यवाही से बिजली कर्मियों में भारी रोष
गोरखपुर। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र के आह्वान पर बिजली कर्मचारियों ने समस्त जनपदों और परियोजना मुख्यालयों पर विरोध सभा का क्रम जारी रखा। संघर्ष समिति ने कहा कि निजीकरण के लिए संविदा कर्मियों को बड़े पैमाने पर मनमाने ढंग से हटाया जा रहा है जिससे पूरे प्रदेश में बिजली कर्मचारियों में भारी गुस्सा व्याप्त है।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों इस्माइल खान, जितेन्द्र कुमार गुप्त, अरुण कुमार सिंह, अभय सिंह, राजेश चौहान, प्रभुनाथ प्रसाद, संगमलाल मौर्य, अखिलेश गुप्ता, ब्रजेश त्रिपाठी, राकेश चौरसिया, संदीप श्रीवास्तव, दिलीप गौतम, ओम गुप्ता, रामश्रय पासवान, करुणेश त्रिपाठी, राजकुमार सागर, दयानंद एवं अजय सिंह ने कहा कि वर्ष 2019 के एक आदेश का हवाला देते हुए 55 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संविदा कर्मियों को हटाया जा रहा है। यह पूरी तरह गलत है और निजीकरण के पहले भय का वातावरण बनाने के लिए किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि 55 वर्ष की आयु पूरी करने वाले संविदा कर्मी पिछले 6 वर्षों से कार्य कर ही रहे है ऐसे में अब अचानक उन्हें हटाया जाना पूरी तरह अमानवीय है। उन्होंने कहा कि बेहद कम वेतन पाने वाले कई संविदा कर्मी ऐसे हैं जो विभाग और उपभोक्ताओं की सेवा करते हुए विकलांग हो चुके हैं। अब उन्हें हटाकर पॉवर कारपोरेशन प्रबन्धन भीख मांगने के लिए मजबूर कर रहा है। यह अत्यन्त निन्दनीय कृत्य है।
संघर्ष समिति गोरखपुर के संयोजक पुष्पेन्द्र सिंह ने कहा कि हटाये गये 1200 संविदा कर्मचारियों में सभी 55 वर्ष की आयु के नहीं है। यह पता चला है कि निजीकरण के बाद निजी घरानों की सुविधा के लिए 25 प्रतिशत संविदा कर्मी हटाये जा रहे हैं। इस प्रकार पूरे प्रदेश में लगभग 20000 संविदा कर्मियों पर नौकरी जाने की तलवार लटक रही है। प्रबन्धन छटनी के नाम पर भय का वातावरण बनाकर निजीकरण थोपना चाहता है। उन्होंने कहा कि बिजली कर्मी समझते हैं कि अभी संविदा कर्मी हटाये जा रहे हैं कुछ समय बाद नियमित कर्मचारी भी हटाये जायेंगे। यह सब निजी घरानों की सुविधा के लिए किया जा रहा है।
आज जनपद गोरखपुर सहित राजधानी लखनऊ, वाराणसी, आगरा, मेरठ, मिर्जापुर, आजमगढ़, बस्ती, देवीपाटन, अयोध्या, सुल्तानपुर, बरेली, सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, अलीगढ़, मथुरा, एटा, हरदुआगंज, कानपुर, पनकी, पारीछा, झांसी, बांदा, ओबरा, अनपरा में बड़ी विरोध सभायें की गयी।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने जनपद गोरखपुर में मुख्य अभियन्ता कार्यालय प्रांगण मोहद्दीपुर में सभा को सम्बोधित किया। संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि विरोध सभाओं का क्रम पूरे सप्ताह जारी रहेगा।
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