जन्नतुल बक़ी मे मज़ारात को शहीद किए जाने की बरसी पर करैली मे हुआ ऐहतेजाजी जलसा

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अवधनामा संवाददाता

प्रयागराज :  करैली व दरियाबाद मे सऊदी हुकूमत द्वारा जन्नतुल बक़ी   मे मज़ारात ए मोक़द्दसा के इन्हेदाम (शहादत) की बरसी पर जहाँ रहमतनगर करैली के इबादतखाने अल खिज़रा मे ओलमाओं ने मज़ारात के शहीद किए जाने की बरसी पर ज़ोरदार विरोध दर्ज कराया और सऊदी हुकूमत से मिसमार (शहीद)की गई मज़ारात और रौज़ों की जल्द से जल्द तामीर कराए जाने की मांग की वहीं दरियाबाद के इमामबाड़ा अरब अली खाँ से विरोध स्वरुप मातमी जुलूस निकाला गया।करैली रहमत नगर इबादतखाने मे अनीस जायसी की निज़ामत मे हुए ऐहतेजाजी जलसे की शुरुआत मद्दहे अहलेबैत जनाब हैदर रज़ा कोरालवी की ताज़ियती नज़्म से हुई।मौलाना मोहम्मद ताहिर ,मौलाना यूनुस हैदर माहुली ,मौलाना सैय्यद अली अब्बास ने बड़ी संख्या मे उपस्थित लोगों को सम्बोधित किया तो लोगों ने सऊदी हुकूमत और आले सऊद के खिलाफ मुर्दाबाद का नारा बुलन्द करते हुए विरोध दर्ज कराया।ओलमाओं ने कहा पैग़म्बरे इसलाम के खानवादे पर जहाँ उनकी ज़िंदगी मे मज़ालिम की इन्तेहा पार कर ज़ुल्म ढ़ाए गए वहीं शहादत के बाद भी ज़ुल्म और ज़्यादती जारी रही। जन्नतुल बक़ी जो सऊदी अरब मे है जहाँ आले सऊद ने रसूल ए अकरम की बेटी जनाबे फात्मा ज़हरा के साथ साथ सहाबा ए रसूल व अन्य शहीदों की (क़बरों को इन्हेदाम) निशानी ए क़ब्र को मिटा दिया और रौज़ौ को बारुद से उड़ा दिया जिसकी हम सब मज़म्मत करते हैं और सऊदी सरकार से मांग करते हैं की वह जल्द से जल्द मज़ारात की तामीर करवा कर ज़ख्मी दिलों पर मरहम लगाने की पहल करे।उम्मुल बनीन सोसाईटी के महासचिव सैय्यद मोहम्मद अस्करी के मुताबिक़ इसलामिक माह शव्वाल (ईद) की आठ तारीख को सऊदी हुकूमत द्वारा जन्तुल बक़ी मे रौज़ा ए रसूल के पास स्थिथ उनकी इकलौती बेटी जनाबे सय्यदाह फात्मा ज़हरा बिन्ते मोहम्मदे मुस्तफा और रसूल के सहाबीयों व अन्य लोगों की मज़ारात को शहीद कर दिया गया था तब से हर वर्ष आठ शव्वाल को पुरी दूनिया मे ऐहतेजाज व जुलूस निकाल कर आले सऊद और सऊदी हुकूमत की ग़ैर शरई हरकतों की मुखर मुखालफत होती चली आ रही है।दरियाबाद के पठनवल्ली से अन्जुमन हुसैनिया रजिस्टर्ड की ओर से निकाले गए जुलूस ए इन्हेदाम ए मज़ारात जन्नतुल बक़ी  इमामबाड़ा अरब अली खाँ से निकाला गया जो दरियाबाद के क़ब्रिस्तान मे दरगाह इमाम हुसैन तक गया।जुलूस से पहले इमामबाड़ा अरब अली खाँ मे मिनहाल अली खाँ ने खिताब करते हुए जहाँ सऊदी सरकार पर हमला बोला वही अन्जुमन हुसैनिया के सदस्यों व मौजूद अन्य लोगों ने बाहों पर काली पट्टी बाँध कर विरोध प्रदर्शन करते हुए आले सऊद मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए मातम भी किया।शहीदे मज़ारात पर निकले जुलूस व ऐहतेजाजी जलसे में मौलाना रज़ी हैदर ,मौलाना जवादुल हैदर रिज़वी ,मौलाना आमिरुर रिज़वी ,मौलाना अम्मार ज़ैदी ,मौलाना इन्तेज़ार आब्दी ,मौलाना कल्बे अब्बास रिज़वी ,रिज़वान जव्वादी ,रज़ा मियाँ ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी , शाहरुक़ हुसैनी ,बादशाह हुसैन ज़िया ,आसिफ अब्बास अमन ,
,अफरोज़ अब्बास ,रज़ा हसन ,मो०अब्बास ,मीसम बेग ,फाज़िल अली खाँ ,रौनक़ सफीपूरी ,हसन नक़वी ,मशहद अली खाँ ,अरशद ज़ैदी ,फसाहत हुसैन ,शैदा रिज़वी ,ताहिर मलिक ,शौज़फ मलिक ,ज़ौरेज़ हैदर ,फैज़याब हैदर ,अरशी ,सफदर अब्बास डेज़ी ,शफक़त अब्बास पाशा ,ग़ुलाम अब्बास नक़वी , ज़ामिन हसन ,औन ज़ैदी ,जौन ज़ैदी समेत अन्य हज़ारों लोग शामिल रहे।अन्त मे हुकूमते हिन्द ,राष्ट्रपति ,प्रधानमंत्री ,गृहमंत्री व विदेश मंत्रालय से मांग की गई के वह आलमे इन्सानियत की खातिर सऊदी हुकूमत से हमारे जज़बात को नज़रअन्दाज़ न करते हुए शहीद मज़ाराते मुक़द्देसा की जल्द से जल्द तामीर करवाने का दबाव डाले और उनसे इस मसायल के हल को बात करे।

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