ईडी को संदिग्ध संपत्तियों के बारे में मिले सुराग : संदीप घोष और उनकी पत्नी पर शक

0
116

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राज्य संचालित आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं की जांच के दौरान संस्थान के विवादित पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष और उनकी पत्नी संगीता घोष द्वारा खरीदी गई संदिग्ध संपत्तियों का पता लगाया है।

मंगलवार को जारी ईडी के बयान के अनुसार, छह सितंबर को एजेंसी ने संदीप घोष, उनके करीबी रिश्तेदारों और सहयोगियों के सात ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह तलाशी अभियान तब शुरू किया गया जब आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पिछले महीने एक जूनियर डॉक्टर के साथ हुई निर्मम हत्या और बलात्कार की घटना के बाद वित्तीय गड़बड़ियों का मामला सामने आया था।

तलाशी के दौरान ईडी ने घोष के आवास से कई आपत्तिजनक दस्तावेज, संपत्तियों से जुड़े कागजात और डिजिटल डिवाइस जब्त किए। जांच में पता चला कि संगीता घोष ने दो अचल संपत्तियां खरीदीं, जो संबंधित अधिकारियों की मंजूरी के बिना थीं। ईडी अब संदीप घोष और उनकी पत्नी की आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रही है, जिसमें आरजी कर के पास दो फ्लैट, मुर्शिदाबाद में एक फ्लैट और दक्षिण 24 परगना जिले में एक शानदार फार्महाउस-कम-बंगला शामिल हैं।

ये संपत्तियां उस समय खरीदी गईं जब संदीप घोष आरजी कर मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल थे। ईडी और केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इस मामले में समानांतर जांच कर रहे हैं। सीबीआई की जांच अदालत की निगरानी में हो रही है, जबकि ईडी ने स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रवर्तन मामला सूचना रिपोर्ट (ईसीआईआर) दर्ज की है।

ईडी अधिकारियों ने इस दौरान कई शेल कंपनियों का भी पता लगाया है, जिनका इस्तेमाल अनैतिक रूप से मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के रखरखाव के लिए टेंडर हासिल करने में किया गया था। ये सभी गतिविधियां संदीप घोष के कार्यकाल के दौरान हुईं।

इस बीच, मंगलवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत ने संदीप घोष और तीन अन्य लोगों को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। इन तीन अन्य लोगों में अफसर अली, सुमन हजरा और बिप्लब सिन्हा शामिल हैं। अली, घोष का निजी अंगरक्षक है, जबकि हजरा और सिन्हा उन विक्रेताओं में शामिल हैं जिन्होंने घोष के कार्यकाल के दौरान आरजी कर को मेडिकल उपकरणों की आपूर्ति की थी।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here