अवधनामा संवाददाता हिफजुर्रहमान
बच्चों की पढ़ाई का हो रहा है नुकसान।
हमीरपुर :शिक्षा का अधिकार (RTE) कानून जिस के 2010 में लागू होने के साथ ही शिक्षा देश में हर बच्चे का हक बन गई या कहें कि हर बच्चे का मौलिक अधिकार बन गई। इस कानून में अन्य बातों के अलावा यह व्यवस्था भी की गई थी कि सभी निजी स्कूल अपनी कुल सीटों का एक-चौथाई EWS यानी आर्थिक रूप से कमज़ोर बच्चों के लिये आरक्षित रखेंगे।
शिक्षा को सभी वर्ग के नागरिकों के बच्चों के लिए एक सामान बनाने के लिए शिक्षा का अधिकार यानि राइट टू एजुकेशन को शुरू किया गया जिससे राज्य में सभी वर्ग के बच्चों को शिक्षा मिल सके। उत्तर प्रदेश सरकार ने बच्चों के लिए उत्तर प्रदेश RTE एडमिशन ऑनलाइन कराने की सुविधा आरम्भ की है। जो भी योजना का लाभ लेना चाहते है वह आनलाइन आवेदन कर लाभ ले सकते हैं। इयी योजना के अन्तर्गत पूरे प्रदेश में हजारों बच्चों को प्रथम चरण में प्रवेश दिलाए जा चुके हैं परन्तु हमीरपुर जनपद इकलौता ऐसा जनपद हैं जहां अभी तक इस योजना के तहत स्कूल अलाटमेंट के बाद भी किसी बच्चे को प्रवेश नही दिलाया गया है जिससे बच्चों के माता-पिताओं को चिंता सता रही है कि उन के बच्चों का सिलेबस छूट रहा है। बतातें चलें कि महानिदेशक, स्कूल शिक्षा एवं राज्य परियोजना निदेशक नें आदेश दिया था कि प्रथम चरण की समस्त प्रकियाओं को पूरा कर 5 अप्रैल तक उन सभी बच्चों को प्रवेश दिलाया जाए जिनको स्कूल अलाट हो गयें हैं परन्तु जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी हमीरपुर की उदासीनता के चलते अभी तक बच्चों को प्रवेश नही दिला गया है। इस सम्बन्ध में जब एक स्कूल अलाटेड बच्चे के अभिभावक नें 7 अप्रैल को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी से पूछा तो उसनें जवाब दिया था कि आप की फाईल जिलाधिकारी महोदय के यहां भेजी जा चुकी है। अब जब फाईल 7 अप्रैल को बकौल जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फाईल जिलाधिकारी कें यहां भेजी जा चुकी है तो फिर अभी तक इतना विलम्ब क्यो हो रहा है। इसी प्रकरण को लेकर जब हमनें नें दूरभाष के माध्यम से दिनांक 9 अप्रैल शाम को जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी नें सवाल किया कि स्कूल अलाटेड बच्चों को अभितक प्रवेश क्यो नही दिलाया गया तो इस पर बी ए से ने उत्तर दिया कि “प्रवेश दिलाने मैं थोड़ा जाऊंगी” उन के इस बेतुके जवाब पर फिर सवाल किया कि यह सच है कि आप नही जाएंगी लेकिन माता-पिता को विभाग की ओर से कोई पत्र आदि मिलेगा तब तो वह स्कूल प्रवेश हेतु जाएगें वर्ना बच्चों को स्कूल में प्रवेश क्यों और कैसे मिलेगा? इस प्रश्नन पर बी ए से ने कहा कि इस सम्बन्ध में उसे जानकारी नही है। सम्बन्धित बाबू से आप की बात करवाती हूं जब सम्बन्धित बाबू से बात हुई तो उन का जवाब था कि फाईल अभी रनिंग में दिलचस्प बात यह है कि बाबू तथा बेसिक शिक्षा अधिकारी दोनों की बातों मे अन्तर है। अधिकारी का कहना है फाईल जिलाधिकारी के यहां भेजी जा चुकी है और बाबू का कहना है फाईल रनिंग में है। कार्यालय में फाईल की स्थिति कुछ भी हो लेकिन बच्चों की वास्तविक स्थिति यह है कि वह पढाई में पिछड़ रहे हैं उनका पाठक्रम भी छूट रहा है। जिस से माता-पिता के माथे पर बल पड़नें लगा है।
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