विलक्षण प्रतिभा के धनी रहे डा0 जलज

0
235

अवधनामा संवाददाता

ललितपुर। ख्यातिलब्ध साहित्यकार डा.जयकुमार जलज के निधन पर समदृष्टि विकास एवं अनुसंधान मण्डल सक्षम ने शोक व्यक्त कर उन्हें विलक्षण प्रतिभा के धनी बताया, जिन्होंने अपनी लेखनी के माध्यम से समाज को नई दिशा प्रदान की। ललितपुर में जन्मे 90 वर्षीय जलजजी विगत दिनों रतलाम में दुर्घटनाग्रस्त हुए जहां उनका देहावसान हो गया। साहित्यकार जयकुमार जलज महाकवि निराला, महादेवी वर्मा, हरिवंशराय बच्चन के दौर में इलाहाबाद यूनीवर्सिटी में रहे, जहां उन्होंने अपनी रचनाओं का काव्य पाठ भी किया। इसके पश्चात मध्य प्रदेश के महाविद्यालयों में अध्यापन एवं रतलाम कालेज में प्राध्यापक रहे। आपने किनारे से धार तक, सूरज सी आस्था संस्कृत नाटय शास्त्र एक पुर्नविचार, ध्वनि एवं ध्वनिग्राम शास्त्र का लेखन किया। आपके द्वारा लिखित भगवान महावीर का बुनियानी चिंतन पुस्तक सर्वाधिक चर्चित रही, जिसको ग्रंथ एकाडमी मुम्बई द्वारा प्रकाशित किया जिसके 100 से अधिक संस्करण 11 भाषाओं में प्रकाशित हुए हैं। डा.जलज को कामता प्रसाद गुरू पुरूस्कार, विश्वनाथ पुरूस्कार, मप्र सरकार द्वारा भोज पुरूस्कार सहित साहित्य सारस्वत पुरूस्कारों से सम्मानित किया है। आपका ललितपुर जनपद से अटूट नाता रहा है। डा.जलज के निधन पर जिलाध्यक्ष अक्षय अलया, महासचिव अजय जैन साइकिल, जयशंकर प्रसाद द्विवेदी, गोविन्द व्यास, तेजस्व, दीपक सिंघई, धुव्र साहू, अवध बिहारी कौशिक, अजय श्रीवास्तव, रवीन्द्र जैन, संजय अग्रवाल, रविप्रताप सिंह, वीरेन्द्र सोनू, मनविन्दर कौर, डा.नीलम सराफ ने एक शोक सभा में साहित्य जगत की पूर्णीय क्षति बताया।

Also read

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here