पश्चिम बंगाल के बाढ़ प्रभावित इलाकों में आरजी कर मेडिकल कॉलेज समेत तीन प्रमुख मेडिकल कॉलेजों की डॉक्टरों की टीमें रवाना होंगी। इन टीमों में जूनियर डॉक्टर शामिल हैं, जो पीने का पानी, दवाइयां, और सूखा भोजन लेकर बाढ़ पीड़ितों की सहायता के लिए तैयार हैं। इन डॉक्टरों की टीम विभिन्न जिलों में जाकर राहत शिविर लगाएगी और पीड़ितों को चिकित्सा सहायता प्रदान करेगी।
शुक्रवार को आरजी कर मेडिकल कॉलेज के साथ-साथ मेदिनीपुर और बांकुड़ा मेडिकल कॉलेज की टीमें भी बाढ़ प्रभावित दक्षिण बंगाल के विभिन्न इलाकों में जाएंगी। डॉक्टर अपने साथ पीने का पानी, सूखा भोजन, दवाइयां, और अन्य आवश्यक सामग्री जैसे तिरपाल लेकर जा रहे हैं। जूनियर डॉक्टरों के संगठन ने कहा है कि वे इस कठिन समय में राज्य के आम लोगों के साथ खड़े हैं और उनकी सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। संगठन ने एक बयान में कहा, “जिन लोगों ने हमारे साथ खड़े होकर समर्थन किया, अब उनके कठिन समय में हमारे लिए उनके साथ खड़ा होना आवश्यक है। डॉक्टर होने के नाते उनकी मदद करना हमारा कर्तव्य है।”
यह भी उल्लेखनीय है कि अगस्त माह में आरजी कर अस्पताल से एक महिला डॉक्टर का शव बरामद हुआ था। इस घटना के बाद से राज्य भर के सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों के जूनियर डॉक्टरों ने आंदोलन शुरू किया था और 42 दिनों तक हड़ताल पर रहे थे। डॉक्टरों ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और मुख्य सचिव मनोज पंत के साथ कई बार अपनी मांगों पर चर्चा की। उनकी प्रमुख मांगों में अस्पतालों में डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करना शामिल था।
गुरुवार रात को मुख्य सचिव ने स्वास्थ्य सचिव नारायण स्वरूप निगम को पत्र लिखकर राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में सुधार करने के निर्देश दिए। इसके बाद स्वास्थ्य भवन के बाहर जूनियर डॉक्टरों ने पत्रकारों से कहा कि वे शुक्रवार से अपना आंदोलन समाप्त करेंगे और शनिवार से आपातकालीन सेवाओं में लौट आएंगे।