अवधनामा संवाददाता
कुरारा-हमीरपुर : जनपद की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल किसी से छुपा नहीं है ओपीडी का समय चाहे जो कुछ भी हो लेकिन जनपद की अधिकांश सरकारी अस्पतालों में डाक्टर अपने मन मर्जी के समय अनुसार ही ओपीडी में आते जाते हैं सरकार बेहतर स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने के लिए प्रयासरत है लेकिन जनपद का स्वास्थ्य विभाग का रवैय्या सरकार की मनशा के विपरीत ही चलता है। आजकल ओपीडी का समर सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉक्टरों के बैठने का है लेकिन डॉक्टर कभी भी समय से नही पहुच रहे हैं। स्वयं सीएचसी प्रभारी भी नदारद रहते है।
सोमवार सुबह 8:40 पर जब कुरारा सीएचसी पर टीम पहुचीं तो अस्पताल के डॉक्टरों के बैठने के कमरे खोले जा रहे थे जिसमें कुछ खुल चुके थे तो कुछ बंद थे। वही मरीजो का पर्चा बनाने के लिए स्टाफ मौजूद था और एक मेज पर मरीजो के पर्चे रखे हुए थे मरीजो के इन्ट्री रजिस्टर को महिला कर्मी द्वारा मेंटेन किया जा रहा था। ओपीडी में डॉ. सैय्यद उमेर अली की कुर्सी खाली पड़ी थी बस कमरे का दरवाजा खुला था वही ओपीडी में ही डॉ. दीपक कुमार व डॉ.अनिल कुशवाहा की कुर्सियां खाली मिली। वही महिला डॉ. नेहा यादव के कमरे का तो ताला तक नही खुला था। वही प्रभारी सीएचसी डॉ. सुनील जायसवाल की कुर्सी की शोभा उनका सफेद कोट बड़ा रहा था बाकी वो कहा है इसका किसी को कोई पता नही। एक्सरे रूम में भी सिर्फ कमरा खुला था स्टाफ का कोई भी कर्मी इस कमरे में नही दिखाई दिया। वही पैथालॉजी खुली मिली मगर कर्मी अस्पताल में टहलते नजर आए। सुबह 9 बजे तक टीम अस्पताल परिसर में मौजूद रही मगर किसी भी डॉक्टर की मौजूदगी 9 बजे तक अस्पताल में नही हुई। कुछ मरीज अस्पताल के बाहर मिले तो पूछने पर बताया कि एक घंटा बाद आने को कहा है। बेचारे मरीज डॉक्टरों के इंतजार में गर्मी में पसीना बहाते नजर आए। अस्पताल परिसर के वार्डो में कूलर तो लगे है परंतु वो पंखे से ज्यादा लाभ मरीजो को नही दे पा रहे है क्योंकि उन कूलरों की टंकियों में छेद है जिससे उनमें पानी ही नही भरा जाता है। मरीजो को बेहतर स्वास्थ्य सेवा देने के नाम पर शासन द्वारा करोड़ो बहाए जा रहे है परंतु उन्हें इसका लाभ मिलते नही दिखाई दे रहा है।
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