मूर्तरुप लेने जा रही है जिलाधिकारी पहल

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अवधनामा संवाददाता

जनपद में 8 नदियों के पुनरोद्धार कार्य का एक साथ हुआ उद्घाटन
किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी व श्रमिकों को अपने ही क्षेत्र में मिलेगा रोजगार

ललितपुर। बुन्देलखण्ड में व्याप्त जल संकट से आज हर कोई रुबरु है, पहले जहां अन्य प्रदेशों के लोग बुन्देलखण्ड को एक सूखे क्षेत्र के रुप में पहचानते थे, वहीं आज सरकार व जिला प्रशासन के अथक प्रयासों का नतीजा है जो सूखे की मार झेल रहे बुन्देलखण्ड में मृतप्राय हो चुकी नदियों के पुनरोद्धार की संकल्पना को मूर्तरुप मिलने जा रहा है। इसी का एक उदाहरण आज जनपद ललितपुर में देखने का मिल रहा है, यहां आज सभी विकास खण्डों में 8 नदियों को पुनर्जीवन मिलने जा रहा है, जिसके पुनरोद्धार कार्य का एक साथ उद्घाटन किया गया। जिलाधिकारी अक्षय त्रिपाठी की इस पहल से जहां जनपद के किसानों को सिंचाई हेतु भरपूर पानी की उपलब्धता होगी, वहीं श्रमिकों को उनके ही क्षेत्र में रोजगार मिलने से जनपद से पलायन की स्थिति भी समाप्त होगी। इन नदियों व नालों के पुनरोद्धान के लिए पूर्व से ही मास्टर प्लान तैयार कर लिया गया था, जिसके तहत मनरेगा व अन्य विभागों के सहयोग से यह असंभव सा लगने वाला कार्य आज साकार रुप लेने जा रहा है। कार्यक्रम में राज्यमंत्री व जिलाधिकारी द्वारा बंडई नदी के पुनर्जीवन कार्य का शुभारंभ किया गया। विधायक व सीडीओ द्वारा खेडर नदी फुटेरा घाट से भदभदा चैक डैम तक व ग्राम पंचायत नत्थी खेड़ा में बरुआ नदी का पुनरोद्धार, सदर विधायक व उपायुक्त श्रम-रोजगार द्वारा बड़ा नाला ग्राम पंचायत देवरान के जीर्णोद्वार, ब्लॉक प्रमुख बिरधा, जिला विकास अधिकारी द्वारा ग्राम पंचायत मादौन में शहजाद नदी का जीर्णोद्धार कार्य का विधि विधान से पूजन कर उद्घाटन किया गया। बताया गया कि जिला प्रशासन द्वारा जनपद में ऐसे नदियों/नालों एवं जलाशय जो मृतप्राय हो चुके थे, उनको चिन्हित कर मास्टर प्लान तैयार कर मनरेगा एवं अन्य विभागों के सहयोग से पुनरोद्धार कर पुनर्जीवित किया जा रहा है, जिससे जनपद की पानी की समस्या का समाधान तो होगा ही, साथ ही श्रमिकों को अपने ही गांव में रोजगार के अवसर भी प्राप्त हो रहा है। इन नदियों के पुनर्जीवन से आसपास के गाँव के किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त जल प्राप्त होगा। ललितपुर में जल संरक्षण का कार्य प्रदेश के लिए आदर्श उदाहरण बनेगा, इस कार्य में स्वयंसेवी संस्थाओं एवं जनपद वासियों को भी आगे आना होगा और लोगों को जल संरक्षण के प्रति प्रेरित करना होगा।

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