समाधिस्त आचार्य विद्यासागर को श्रद्धालुओं ने अर्पित की विनयांजलि

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अवधनामा संवाददाता

18 फरवरी को छत्तीसगढ़ के चंद्रगिरि तीर्थ डोंगरगढ़ में आचार्य श्रेष्ठ ने ले ली थी समाधि
मड़ावरा के महावीर विद्याविहार में आयोजित हुआ कार्यक्रम, नम आंखों से किया आचार्यश्री को याद

मड़ावरा (ललितपुर)। कस्बा मड़ावरा के महावीर विद्याविहार परिसर के देशनाग्रह में आयोजित सभा में श्रद्धालुओं ने नम आंखों से आचार्य भगवन विद्यासागरजी को याद करते उनके द्वारा देश हित समाज हित में किये गए जनहितैषी कार्यों का बखान करते हुए अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। सैकड़ों की संख्या में पहुंचे श्रद्धालुओं ने किए अपने केशदान। विनयांजलि सभा के दौरान उपस्थित जैन समाज के श्रद्धालुओं ने आचार्यश्री विद्यासागरजी द्वारा समाज हित, बालिका हित, गौ हित, स्वास्थ्य व इंडिया को भारत शब्द से उच्चारित करने हेतु जो कार्य किये उनके बारे में बोलते हुए बताया कि आचार्य श्रेष्ठ ने जो छाप मानव हृदय में छोड़ी है, वह अमिट रहेगी। उन जैसा दिव्यात्मा कभी भूतो न भविष्यति। साथ ही कहा कि आचार्य श्री जैसी दिव्यात्मायें मानव कल्याण के लिए ही अवतरित होतीं है जो कि समय आने पर यह नश्वर देह छोड़ देती हैं, लेकिन उनकी छाया हमेंशा ही अपने भक्तों पर बनी रहती है। जैसा कि संत पुरुषों द्वारा कहा गया है कि आचार्य भगवन का जीव कई भवों से मुनि बनकर मानव कल्याण करता चला आ रहा है तो यही आशा और विश्वास है कि आचार्य भगवन पुन: अवतरित होंगे व अनवरत मानव हित धर्म हित व जैन धर्म की ध्वजा लहरायेंगे। सकल दिगम्बर जैन समाज मड़ावरा के सैकड़ों युवाओं बुजुर्गो ने आचार्य भगवन विद्यासागर महामुनिराज के प्रति अपनी अगाध श्रद्धा जताते हुए अपने केश दान किये। जैसे ही शोसल मीडिया पर समाज के युवाओं द्वारा केशदान किये जाने को खबर वायरल हुयी जगह जगह युवाओं ही क्या बुजुर्गों एवं बच्चों में मुंडन कराने की होड़ मच गयी, जिसको भी देखो वह स्वयं ही अपने केश दान कर आचार्यश्री को याद करता नजर आया।
फोटो-पी5

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