अवधनामा संवाददाता
मसौली बाराबंकी । कस्बा मसौली के मोहल्ला कटरा स्थित शिवमन्दिर पर चल रही पांच दिवसीय भागवतकथा के अंतिम दिन कथावाचिका साध्वी सोनम शास्त्री ने भक्तो को रामविवाह का प्रसंग सुनाकर भक्ति भाव में भावविभोर कर दिया।
कथावाचिका ने श्रीराम विवाह की कथा में परशुराम लक्ष्मण संवाद को विस्तार से सुनाया। कथा में जब सभी राजा धनुष उठाने में असमर्थ रहे तो राजा जनक को चिन्ता होने लगी। उन्होंने कहा कि यहां पर आए सभी राजाओं की शक्ति का अगर मुझे पहले ज्ञान होता तो मैं अपनी पुत्री के स्वयंवर में यह शर्त न रखता। इस बात को सुनकर लक्ष्मण क्रोधित हो गए। बोले यदि मेरे बड़े भाई आज्ञा दें तो मैं पूरी पृथ्वी को गेंद की तरह उठाकर पटक दूंगा। राम ने अनुज लक्ष्मण को शांत किया और कहा के जिस स्थान पर रघुकुल का कोई भी व्यक्ति विराजमान हो वहां पर इस तरह की बातें अशोभनीय हैं। इसके बाद गुरु विश्वामित्र की आज्ञा लेकर श्रीराम ने भगवान शिव की धनुष को उठाया। प्रत्यंचा चढ़ाते समय धनुष टूट गया। इसके बाद कथा वाचक ने परशुराम के क्रोधित व शांत होने की कथा सुनाकर मार्ग दर्शन दिया। इसके बाद चारों भाइयों के विवाह का प्रसंग सुनाया गया। सोनम शात्री जी ने कहा कि भगवान श्रीराम चेतना के प्रतीक हैं और मां सीता को भी विस्तार से समझाया। इसके बाद प्रभु श्रीराम, मां सीता और लक्ष्मण जी के वनगमन के प्रसंग का वर्णन किया गया।राम विवाह की कथा सुनकर भक्तों ने खूब फूलों की वर्षा की।जिससे पंडाल का वातावरण सुगन्धित हो उठा।