अवधनामा संवाददाता
केले की खेती को उद्योग के रूप में विकसित करना मुख्य उद्देश्य
केला के उत्पादन और उद्योग के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से कृषकों के साथ बैठक
कुशीनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में मंगलवार को कलेक्ट्रेट सभागार में केला कृषकों के साथ वृहद उत्पादन और उद्योग के रूप में विकसित करने के उद्देश्य से कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के अंतर्गत जिला उद्यान अधिकारी द्वारा जनपद में केले की खेती के क्षेत्रफल, आय-व्यय एवं केले के कृषकों की समस्याओं पर विवरण दिया गया। बैठक में कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिक डॉ डी०वी० सिंह द्वारा जनपद में केले के पौधो में होने वाले पनामा विल्ट रोग पर कृषकों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई, साथ ही लागत को कम करने हेतु ड्रिप सिंचाई, मल्चिंग के प्रयोग एवं जैविक खेती के महत्व को बताया गया। बैठक में उपस्थित पूर्व वैज्ञानिक एवं प्रगतिशील कृषक डॉ प्रमोद कुमार दीक्षित द्वारा जैविक एवं प्राकृतिक खेती पर उनके द्वारा किए गए कार्यों की जानकारी दी गई। साथ ही केले के निर्यात संबंधी जानकारी भी कृषकों को दी गई। नव बोधि एग्री सॉल्युशन से तुहीन श्रीवास्तव द्वारा बैठक में ऑनलाइन प्रतिभाग करते हुए केले के उप-उत्पादों यथा अचार, आटा, कपडे, टाइल्स, सैनिटरी पैड्स, गहने, चिप्स आदि के बारे में जानकारी दी गई एवं प्रदर्शन किया गया। संस्था द्वारा निर्मित उत्पादों को देखते हुए जिलाधिकारी द्वारा उनकी प्रशंसा करते हुए कहा की कुशीनगर जनपद में केले से बने उप उत्पादों को बढ़ावा देना है। वैश्विक पटल पर केले के उत्पादों को मार्केटिंग बिजनेस प्लान के तहत पूरा प्लान डेवलप करें। बिजनेस प्लान की सख्त आवश्यकता है। इसके लिए कृषकों का समूह बनाना होगा, एक समूह बीज बोने और पौध का रोपण का कार्य करेगी, दूसरा समूह प्राकृतिक खाद, आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी तथा तीसरा समूह उसके पैकेजिंग से लेकर मार्केटिंग का कार्य करेगी। विस्तृत प्लान तैयार कर प्राकृतिक खाद का उपयोग करते हुए हम गुणवत्तापूर्ण प्रत्येक केले के उत्पादों को वैश्विक पहचान दिलाते हुए उद्योग के रूप में विकास कर सकते है। इसके लिए विशेष कार्ययोजना तैयार करने हेतु जिला उद्यान अधिकारी को निर्देशित किया गया। उन्होंने कहा की केले की खेती व कृषि को उद्योग के रूप में विकसित कर किसानों को प्रगतिशील बनाना हमारा मुख्य उद्देश्य है।