बिना जांच के ही जांच समिति ने लगाया रिपोर्ट, आईजीआरएस से किया निस्तारित

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अवधनामा संवाददाता
कुशीनगर। पीड़ित द्वारा जनता दर्शन में जिलाधिकारी के समक्ष उत्पीड़न के कारण बीईओ के विरुद्ध फरियाद, प्रकरण संबंधित विभाग से आवश्यक कार्यवाही हेतु जिलाधिकारी द्वारा हस्तांतरित, संबंधित विभाग द्वारा कागजों में जाँच समिति का गठन, फर्जी ढंग से जाँच की कार्यवाही कागजों में सम्पन्न और जनता दर्शन में पीड़ित के फरियाद का आईजीआरएस पर निस्तारित कर अग्रेतर कार्यवाही हेतु डीएम को प्रेषित कर दिया गया। कुशीनगर के बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा ऐसे ही हुआ है आईजीआरएस का पोर्टल पर निस्तारण।
खण्ड शिक्षा अधिकारी कसया कार्यालय में कार्यरत कार्यालय सहायक राजबहादुर राव द्वारा 24 अगस्त को शपथपत्र के माध्यम से जिलाधिकारी के समक्ष उपस्थित होकर बीईओ कसया सत्येन्द्र पाण्डेय पर उत्पीड़न का गम्भीर आरोप लगाया गया था। राजबहादुर राव ने अपने शपथ पत्र में खण्ड शिक्षा अधिकारी पर टेण्डर होने के बावजूद विगत सत्र में दबाव डाल पुस्तक प्रभारी बना विकास खण्ड में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को विद्यालयों से मौखिक आदेश के क्रम में बुलाकर पुस्तक का वितरण कराया गया। विकास खण्ड के सभी विद्यालयों में पुस्तकों को भेजवाने में गाड़ी भाड़ा व लोडिंग में कुल 31500 रुपये व्यक्तिगत रूप से खर्च होने व जिसमें से अवशेष 17500 रुपये का भुगतान बीईओ द्वारा अब तक नहीं दिलवाने का आरोप लगाया हैं। शपथपत्र में जिलाधिकारी से अवशेष भुगतान दिलवाने व दोषी खण्ड शिक्षा अधिकारी कसया के विरुद्ध कार्यवाही करने की मांग की गयी थी। इस संदर्भ पुस्तक वितरण कार्य में लगे कर्मचारियों का फोटोग्राफ व अन्य साक्ष्य भी शपथपत्र के साथ लगाए गए हैं। राजबहादुर राव ने बताया कि उक्त प्रकरण का आईजीआरएस पर निस्तारित आख्या देखने पर पता चला कि इसकी जाँच के लिए खण्ड शिक्षा अधिकारी रामकोला, पडरौना व फाजिलनगर की जाँच समिति बनी थी और उसने प्रकरण में जाँच कर अपना आख्या 14 सितम्बर को लगाया है और उसके आधार पर 20 सितम्बर को उक्त शिकायत को पोर्टल पर निस्तारित कर दिया गया है जबकि उक्त जाँच समिति द्वारा न तो कभी मुझसे कोई संपर्क किया गया और न ही कोई लिखित या मौखिक जानकारी ही ली गयी। मनमानी करते हुए प्रकरण का तथाकथित फर्जी जाँच पूर्ण कर आख्या लगा दिया गया। राव ने कहा कि किसी भी समिति द्वारा जाँच के दौरान संबंधित पक्ष से भी उसके पक्ष की जानकारी ली जाती है परन्तु खण्ड शिक्षा अधिकारी कसया सत्येन्द्र पाण्डेय की ऊँची रसूख के बदौलत उनके विरुद्ध साक्ष्य व सबूत के साथ शपथपत्र पर उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं किया गया। राव ने जिलाधिकारी कुशीनगर से मांग करते हुए कहा कि इस प्रकरण की जाँच मजिस्ट्रेट द्वारा कराई जानी चाहिए। इससे जाँच समिति के द्वारा फर्जी जाँच व इस आधार पर आईजीआरएस के निस्तारण की वास्तविकता उजागर हो जाएगी। इस सन्दर्भ में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक मृतक आश्रित कर्मचारी संघ कुशीनगर के जिलाध्यक्ष आलोक कुमार तिवारी ने कहा कि खण्ड शिक्षा अधिकारी कसया के द्वारा टेण्डर के बावजूद विकास खंड के कर्मचारियों द्वारा मौखिक आदेश के आधार पर बीआरसी कसया बुलाकर पुस्तक का वितरण विगत वर्ष कराया गया था। जो शासन के मंशा के विरुद्ध हैं। उक्त के सन्दर्भ में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कुशीनगर व सहायक शिक्षा निदेशक बेसिक गोरखपुर को भी मैंने जनवरी माह में ही पत्र लिखकर कार्यवाही करने के लिए मांग किया था। राजबहादुर राव द्वारा शपथपत्र पर उच्चाधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद अब तक कोई कार्यवाही नहीं हुआ हैं। खण्ड शिक्षा अधिकारी कसया द्वारा लगातार मृतक आश्रित शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का उत्पीड़न किया जा रहा है। जल्द ही कार्यवाही नहीं होने पर संघ आंदोलन हेतु बाध्य होगा।
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