थारू जनजाति की लोक कलाओं, नृत्य व गीतों का गवाह बना ‘‘देशज’’

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अवधनामा संवाददाता

बहराइच । लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान, संस्कृति विभाग उ.प्र. एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वावधान तथा जन सांस्कृतिक एवं सामाजिक विकास संस्थान बहराइच के सहयोग से वृहस्पतिवार को देर शाम हरियाली रिसार्ट में आयोजित कार्यक्रम ‘‘देशज’’ का मुख्य अतिथि प्रदेश के मा. मंत्री पर्यटन एवं संस्कृतिक श्री जयवीर सिंह दीप प्रज्वलित कर एवं पारपंरिक रूप से मांदल डोल बजाकर देशज कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। थारू जनजातियों पर एकाग्र ‘‘देशज’’ कार्यक्रम में थारू जनजाति की लोक संस्कृति के संरक्षण एवं संवर्धन के लिये उनके लोकनृत्यो, हस्त शिल्प, पारम्परिक वेष भूषा, तीज त्यौहार एवं फसल आने के अवसर पर गाये जाने वाले गीत, लोक नृत्यों की मनमोहक प्रस्तुतियों को देखकर मौजूद जनप्रतिनिधि, अधिकारी व श्रोताओं ने तालियां बजाकर जनजातीय कलाकारों की हौसला अफज़ाई की।
मुख्य अतिथि मा. मंत्री श्री सिंह ने कहा कि लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान का उद्देश्य है कि जनजातियों की जीवन २ौली, उनकी पारम्परिक वेश-भूषा, रंगसज्जा तथा उनके रहन-सहन, जनजातीय संस्कृति तथा उनकी हस्तकला को संरक्षण प्रदान करने के साथ-साथ बाहरी लोगों से उनका साक्षात्कार भी कराया जाय। इसी उद्देश्य से देशज कार्यøम आयोजित किया गया है। श्री सिंह ने कहा कि देश यशस्वी प्रधानमंत्री जी का विज़न है कि विकसित हो रहे भारत में सबके साथ जनजातीय समूहों का भी विकास हो। श्री सिंह ने कार्यक्रम में हुए जनजातिय कलाकारों का स्वागत करते हुए अपील की कि ऐसे आयोजनों का भरपूर लाभ उठाएं। श्री सिंह ने जनजातीय हत्तशिल्प के विकास हेतु हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
जिलाधिकारी मोनिका रानी ने देशज कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए मुख्य अतिथि प्रदेश के मा. मंत्री पर्यटन एवं संस्कृतिक श्री जयवीर सिंह व अन्य जनप्रतिनिधियों तथा अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया। डीएम ने कहा कि जनजातीय समुदायों की सांस्कृतिक धरोहरों, लोक कलाओं एवं हस्तशिल्प की कला को संरक्षण प्रदान करने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार दृढ़ संकल्पित है। डीएम ने कहा कि प्रायः प्राकृति की गोद में आम लोगों की नज़रों से दूर एकांत में रहने वाले जनजातिय समूह विशेष रूप से थारू जनजाति के लोगों को जब भी अपना हुनर दिखाने के लिए ‘‘देशज’’ जैसा मंच जिलता है तो वे अपनी परम्परागत वेश-भूषा, नृत्य एवं गायन एवं दस्तकारी के हुनर से आकर्षित करने में सफल होते हैं। डीएम ने कार्यक्रम में मौजूद थारू जनजाति के कलाकारों का आहवान किया कि वे ऐसे आयोजनों का भरपूर लाभ उठाएं।
देशज अन्तर्गत सांस्कृतिक कार्यक्रमों का शुभारम्भ पीलीभीत से आये बंटी राणा दल द्वारा सरस्वती वन्दना प्रस्तुत कर किया गया। जबकि पीलीभीत की रजनेश के दल द्वारा झीझी नृत्य, बहराइच की श्रीमती राजकुमारी के दल द्वारा हुरदुंगवा नृत्य, बलरामपुर की सुश्री तारा चौधरी के दल ने झूमरा नृत्य, उद्धमपुर के नरेन्द्र राणा के दल द्वारा कंचनी स्वांग नृत्य तथा श्रावस्ती के कर्मवीर के दल द्वारा झूमरा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुति की गयी। जबकि राजस्थान से न्याय सिंह के दल ने २ारीरिक करतबो का अदभुत प्रदर्शन कर लोगों की वाहवाही लूटी। कार्यक्रम स्थल पर थारू जनजाति के हस्तशिल्प पर आधारित प्रदर्शनी भी लगायी गई। जिसका मुख्य अतिथि श्री सिंह ने अतिथियो व अधिकारियों के अवलोकन किया। कार्यक्रम के अन्त में लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के निदेशक अतुल द्विवेदी ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती मंजू सिंह, सांसद बहराइच अक्षयवर लाल गोंड, विधायक नानपारा राम निवास वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष श्याम करन टेकड़ीवाल, नगर पालिका परिषद बहराइच की अध्यक्ष श्रीमती सुधा देवी, केडभ्सी के पूर्व प्राचार्य मेजर डॉ. एस.पी. सिंह, पाटी पदाधिकारी जितेन्द्र सिंह, रण विजय सिंह, श्रवण कुमार शुक्ला, उद्योग व्यापार मण्डल के पदाधिकारी कुलभूषण अरोड़ा व ब्रजमोहन मातनहेलिया, नगर मजिस्ट्रेट शालिनी प्रभाकर, जिला विकास अधिकारी महेन्द्र कुमार पाण्डेय, उप जिलाधिकारी सदर सुभाष सिंह, पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर राजीव सिसोदिया, डिप्टी कलेक्टर डॉ. पूजा यादव, जिला पंचायत राज अधिकारी राघवेन्द्र द्धिवेदी व अन्य अधिकारी, मीडिया प्रतिनिधि, लोक एवं जनजाति कला एवं संस्कृति संस्थान के सदस्य अवधेश अवस्थी, राजेश शर्मा, रवि गुप्ता, सुधीर तिवारी, जसवीर सिंह व गौरव २ार्मा तथा बड़ी संख्या में गणमान्य व संभ्रान्तजन तथा कला प्रेमी मौजूद रहे।

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