नयी आबकारी नीति के सामने फेल हुआ नशा मुक्ति अभियान,बढ़े शराब के शौकीन, अमेठी में एक महीने में बिकी 32करोड रू की शराब

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जिले में नशा मुक्ति अभियान पर सरकार की आबकारी नीति भारी पड़ी है।शराब पीने के शौकीन युवाओं की संख्या में अभूतपूर्व वृद्धि और सहालग के मौसम के चलते शराब की बिक्री में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है।मई महीने में निर्धारित लक्ष्य से लगभग 7.5करोड रु अधिक की शराब बिक्री हुई है।मई महीने में 32करोड रू की शराब की बिक्री हुई है। आबकारी विभाग और पुलिस के संयुक्त छापेमारी अभियान ने कच्ची शराब की बिक्री पर अंकुश लगाने में खासी सफलता प्राप्त की है। दिहाड़ी मजदूरों को छोड़ कर अधिकांश नये युवा बीयर पीने में आगे है पिछले एक महीने में।नशे की हालात में सड़क दुघर्टना में घायल लोगों की संख्या सौ से अधिक रही है।

युवाओं में बढ़ती नशा की प्रवृत्ति को रोकने के लिए सरकार की नशा मुक्ति जागरूकता अभियान का कोई असर नहीं हुआ।शराब पीने वालों की संख्या घटने के बजाय और बढ़ गई है।

सरकार की नयी आबकारी नीति का असर बिक्री पर पड़ा है।शराब की कम्पोजिट दुकानों के खुलने से लोगों को शराब आसानी से मिल जा रही है। पिछले साल की अपेक्षा इस वर्ष शराब की दुकानों की संख्या में वृद्धि होने से भी आबकारी विभाग लाभ में है।मई महीने में बिक्री के निर्धारित लक्ष्य 24.5करोड के सापेक्ष आबकारी विभाग ने शराब की बिक्री से 32करोड रू का राजस्व अर्जित किया है।शराब की बिक्री में अमेठी जनपद अयोध्या मंडल में पहले और उत्तर प्रदेश में सातवें स्थान पर है।

जिला आबकारी अधिकारी अखिलेश कुमार ने बताया कि सहालग के मौसम के कारण राजस्व में आशातीत वृद्धि हुई है।नयी आबकारी नीति से लाभ हुआ है। कम्पोजिट दुकानों के खुलने से शराब लोगों को आसानी से उपलब्ध है। शादी विवाह में शराब और बीयर पीना युवाओं में फैशन बन गया है।

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